ट्विटर पर एक ट्रेंड चल रहा था देश की तथाकथित अभिनेत्री स्वरा भास्कर के नाम का! ट्विटर पर किसी हैशटैग के ट्रेंड करने की अमूमन दो ही वजहें होती हैं। पहला या तो कुछ बहुत अच्छा होता है या बहुत बुरा। दो दिन पहले यानी 21 अगस्त को एक वेब सीरीज़ आई ‘फ्लेश’ जिसमें स्वरा भास्कर ने मुख्य भूमिका निभाई है। तमाम लोगों को यह भ्रम हो सकता है कि इस वेब सीरीज़ की चर्चा के चलते स्वरा भास्कर का नाम ट्रेंड कर रहा होगा।
लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं है। कम से से कम आभासी दुनिया की जनता यानी नेटीजन्स के ट्वीट देख कर ऐसा बिलकुल नहीं कहा जा सकता। एक ट्विटर यूज़र ने स्वरा भास्कर का ज़िक्र करते हुए ट्वीट किया है। हालॉंकि वह ट्वीट कम और मीम ज़्यादा है। इसका मतलब यह है कि स्वरा हर मुद्दे की विशेषज्ञ बन जाती है। भले मौसम हो या कुछ और। आप किसी भी मसले पर स्वरा की राय से वंचित नहीं रह सकते।
Swara who don’t know shit about anything pic.twitter.com/oA9fZELgNZ
— Mukes (@ProudHindu001) August 23, 2020
ऐसे कुछ और ट्वीट हैं जो स्वरा भास्कर को उनके अतिउत्साही रवैए के लिए अद्भुत तरीके से ट्रोल करते हैं। एक का तो कहना है कि स्वरा भास्कर भले कितनी बड़ी जानकार क्यों न हों, लेकिन लोगों को उनकी बातों में कोई रूचि ही नहीं है। लोगों को सुनना ही नहीं है कि स्वरा क्या कहना चाहती है।
Swara Bhaskar tweets…
— el ѕнeĸυ (@el_sheku) August 23, 2020
entire twitter pic.twitter.com/reWqfOGUuF
यह ट्वीट कहने और सुनने के दायरे से बाहर है। इसे देख कर पूरी बात एक झटके में समझी जा सकती है।
Suwara what can you do for the nation?
— Garima Chauhan (@GarimaC244) August 23, 2020
Suwara: I am an anti Nationalist. “”you’re too useless to be A dustbin.!#swara #Swara pic.twitter.com/BaPZPqgBct
अब वापस लौटते हैं मूल प्रश्न पर, क्या वाकई स्वरा भास्कर हर मुद्दे पर विशेषज्ञ/एक्सपर्ट बन जाती हैं? यह सार्वभौमिक सत्य है कि एक इंसान (अगर वह इंसान है तो) सब कुछ नहीं जान सकता। लेकिन स्वरा भास्कर इसके उलट हैं। पिछले कुछ सालों की ऐसी तमाम घटनाएँ हैं। जिन्हें देखने-सुनने के बाद किसी के लिए भी समझना आसान होगा कि कैसे स्वरा भास्कर हर मुद्दे पर “मेरे को सब पता है” का नारा लगाने लगती हैं।
पहली घटना है इस साल के फरवरी महीने की। देश भर में सीएए और एनआरसी को लेकर बहस जारी थी। एबीपी न्यूज़ ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए स्वरा भास्कर को बतौर पैनालिस्ट बुलाया। यहीं से सारा फसाद शुरू हुआ, स्वरा एक साँस में कहे जा रही थीं कि सीएए लागू हो गया है। इसके बाद एनआरसी भी लागू हो जाएगा, एनपीआर पर भी बहस शुरू हो ही गई है। इसके बाद पैनल की मॉडरेटर ने स्वरा भास्कर को टोका और साफ़ किया कि एनपीआर का नागरिकता से कोई लेना देना नहीं है, यह सीएए से पूरी तरह अलग है। एनपीआर का संबंध जनगणना से है और यह साल 2010 में भी हुआ था।
स्वरा भास्कर ने इतने के बाद में साँस नहीं ली। तब मॉडरेटर ने उनसे सवाल किया, “क्या आपने एनपीआर या एनआरसी का ड्राफ्ट पढ़ा है?” इस पर स्वरा फिर अपनी बात दोहराने लगीं कि इस सरकार ने लोगों पर सब कुछ थोपा है। यहाँ तक कि स्वरा ने सीएए से जुड़े सवालों का जवाब तक नहीं दिया। जिस क़ानून के विरोध में किए गए हर बड़े आयोजन में पूरी सक्रियता के साथ नज़र आई थीं।
समय में थोड़ा और पीछे चलते हैं खुद के पैर पर अतिउत्साह की कुल्हाड़ी मारने की दूसरी घटना की ओर। हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्वरा भास्कर का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में स्वरा ने एक बार फिर एक साँस में कहा “मेरे पास जन्म-प्रमाण पत्र नहीं है, बाप-दादा की ज़मीन के कोई कागज़ नहीं हैं। मेरा नाम छूट गया एनआरसी से तब।” वीडियो के दूसरे हिस्से में स्वरा की बातों का जवाब दिया सद्गुरु ने।
उन्होंने कहा यह सभी के लिए है, हम सभी को अपना पंजीयन कराना पड़ेगा। इसके लिए सरकार ने विकल्प दिए हैं आप अपना जन्म-प्रमाण पत्र दिखाइए। वह नहीं है तो स्कूल के दस्तावेज़ दिखाइए। वह भी नहीं है तो अपना राशन कार्ड दिखाइए अगर किन्हीं कारणों से वह भी नहीं है तो मतदाता पहचान-पत्र दिखाइए। इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी में कहा अगर आपके पास यह भी नहीं है “then who the hell are you।”
स्वरा भास्कर की ट्रोलिंग सिर्फ आभासी दुनिया यांनी सोशल मीडिया तक नहीं सीमित है। अक्सर जनता उन्हें आमने-सामने भी ट्रोल कर देती है। बात है साल 2019 के मई महीने की जिस दौरान स्वरा भास्कर बेगूसराय से चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार का समर्थन करने गई थीं। वह हवाई अड्डे पर पहुँची कि तभी एक युवक उनके नज़दीक आया। स्वरा को लगा कि वह सेल्फी लेना चाहता है लेकिन उसने छोटा सा वीडियो बनाया। और वीडियो में कहा चाहे जितना बोल लो “आएगा तो मोदी ही।” फिर क्या था? ट्विटर से लेकर फेसबुक तक और फेसबुक से लेकर इन्स्टाग्राम तक हर जगह वीडियो वायरल हुआ।
19 जून 2020 को स्वरा भास्कर की एक वेब सीरीज़ आई थी ‘रसभरी’। नाम से अंदाजा लगाया जाता है इसमें क्या कुछ होगा या कहें क्या कुछ हो सकता है। इस वेब सीरीज़ की तारीफ़ करते हुए स्वरा भास्कर के पिता जी ने एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, चाहे छोटा पर्दा हो या बड़ा पर्दा। स्वरा का बहुआयामी अभिनय हर जगह उम्दा है। स्वरा ने जवाब दिया “लेकिन आप यह वेब सीरीज़ मेरे साथ बैठ कर मत देखिएगा।”
Bravo @ReallySwara …proud of u ….for your professional versatility….small & big screens…. https://t.co/0Ct5ca3Lzc
— C Uday Bhaskar (@theUdayB) June 25, 2020
एक बार फिर ट्विटर पर स्वरा की ट्रोलिंग शुरू हो गई। एक व्यक्ति ने तो यहाँ तक लिख दिया “जब इतनी बुरी एक्टिंग करती हो कि पिता जी को भी देखने में शर्म आ जाए। तो अभिनय छोड़ क्यों नहीं देती हो? कम से कम दर्शक तो प्रताड़ित होने से बच जाएँगे।” बाकी इस वेब सीरीज़ को रेटिंग भी कुछ ऐसी ही मिली थी कि नेटीजन्स न चाहते हुए भी ऐसी बातें कहने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
यह तो कुछ मौके थे जिनका ब्यौरा मौजूद है। इसके अलावा ऐसे न जाने कितने किस्से और मौके होंगे जब स्वरा भास्कर को यूँ ही ट्रोल किया जाता होगा। या स्वरा भास्कर के नाम का हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करता होगा, जिसकी वजह कुछ ऐसी ही होती होगी। इस बात से भले कौन असहमत हो सकता है कि एक इंसान सब कुछ नहीं जान सकता है। भले देश के संविधान का अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की आज़ादी देता है।
लेकिन उसका मतलब यह नहीं कि सामाजिक राजनीतिक मुद्दों को बिना जाने उनके बारे में कुछ भी कहा जाए। विरोध देश के लोकतंत्र का सबसे सकारात्मक पहलू है। यानी लोकतंत्र में विशेषज्ञ बनना भी आसान है लेकिन बिना तर्क, तथ्य और दलीलों के विरोध करना या विशेषज्ञ बनने का क्या अर्थ? खैर ट्रोलिंग जारी है और इसकी रफ़्तार से इतना साफ़ है कि यह जारी रहेगी। आखिर हर मुद्दे पर विशेषज्ञ बनने की कोई न कोई कीमत तो होगी ही।