बर्बर मुगल राज का बचाव करने वाले लिबरल गैंग के पास जो आखिरी हथियार था, कि ‘कम-से-कम मुगलों ने हिंदुस्तान का धन हिंदुस्तान में ही रखा’, वह भी अब झूठा निकला है। ट्विटर पर इतिहास से जुड़े अनसुने-दफ़न तथ्य निकाल लाने के लिए (लिबरलों के बीच) ‘कुख्यात’ ट्विटर हैंडल ‘True Indology’ ने इस झूठ को बेनकाब करते हुए मुगलों के हिंदुस्तान से की हुई लूट को दूसरे इस्लामी मुल्कों में भेजने के सबूत पेश किए हैं।
‘2 लाख टन चावल जितना पैसा केवल एक साल में भेजा’
‘कैम्ब्रिज हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया’ से स्क्रीनशॉट्स लेकर True Indology मुगलों के बचाव में लिखे जा सकने वाले इस आखिरी झूठ की कलई कायदे से खोलता है। उसके तथ्य कुशासन और हिंदुस्तान की मुगलों के हाथों बर्बादी की कई परतें उघाड़ते हैं। मसलन, इकलौते एक साल 1659 में औरंगज़ेब के मक्का को 600,000 रुपए देने का ज़िक्र करते हुए True Indology उसके मायने भी समझाता है। बकौल True Indology, यह उस समय के छह लाख रुपए हैं जिस समय एक रुपए में 280 किलो चावल आता था। यानी करीब 2 लाख टन चावल खरीदे जाने भर का पैसा औरंगज़ेब ने केवल एक साल में ‘काफिर’ हिन्दुस्तानियों से लूट कर मक्का भेजा।
Short answer- Fraudrey is lying.
— Messenger Of TrueIndology (@TIinExile) July 15, 2019
Long answer- Mughals did export wealth out of India.
In just one instance in 1659, Aurangzeb exported to Mecca 660,000 rupees in an era when one rupee fetched 280 kilograms of rice. Exported 70 lakhs to Muslim countries in 6 years https://t.co/bs0DuFpEDN pic.twitter.com/Kz88aTFusL
औरंगज़ेब इतना क्रूर शासक था कि कर न चुका पाने वाले हिंदुस्तानी खेतिहरों को पेड़ों से लटका कर मौत के घाट उतरवा देता था। और इसी औरंगज़ेब ने 6 सालों में 70 लाख रुपए हिंदुस्तान से नोंच कर मुस्लिम देशों में, अपने ‘दारुल-इस्लाम’ में भेज दिए।
Aurangzeb sent 70 Lakh to Muslim countries in 6 years. This amount was almost twice the total revenue of England. This wasn’t foreign diplomacy since nothing but Islamic relics ever came back in return. Same Aurangzeb hanged to trees all Indian peasants who had defaulted on tax pic.twitter.com/v34evT7WgH
— Messenger Of TrueIndology (@TIinExile) July 15, 2019
Fraudrey भी पकड़ी गईं
औरंगज़ेब जैसे निर्मम शासक के प्रति विशेष अनुराग रखने के लिए जानी जाने वाली ‘विदुषी’ ऑड्रे ‘Fraudrey’ ट्रश्के के झूठों को भी True Indology ने तसल्ली से बेनकाब किया है। पहले ऑड्रे ने यह दिखाने की कोशिश की कि मुगलों ने हिंदुस्तान के हिन्दुओं को जी भर के लूटा ज़रूर, लेकिन सारा माल दबा के बैठे रहे, बाहर नहीं भेजा।
For starters, the Mughals were Indian by nearly any measure within a few generations, so you have a little category issue here.
— Audrey Truschke (@AudreyTruschke) July 13, 2019
Short answer – The Mughals concentrated immense wealth within their treasury, but they didn’t export hardly any of that wealth from the subcontinent. https://t.co/dVeQ9aQ7LG
True Indology ने उन्हें आइना दिखा दिया है।
Short answer- Fraudrey is lying.
— Messenger Of TrueIndology (@TIinExile) July 15, 2019
Long answer- Mughals did export wealth out of India.
In just one instance in 1659, Aurangzeb exported to Mecca 660,000 rupees in an era when one rupee fetched 280 kilograms of rice. Exported 70 lakhs to Muslim countries in 6 years https://t.co/bs0DuFpEDN pic.twitter.com/Kz88aTFusL
इस पर नाराज़ ऑड्रे बीबी ने True Indology को ब्लॉक कर दिया।
That was Quick.. pic.twitter.com/9vpoCjg3EK
— Messenger Of TrueIndology (@TIinExile) July 15, 2019
इसके बाद ऑड्रे ने True Indology के शब्दों को न केवल तोड़ा-मरोड़ा, बल्कि साथ में यह झूठ भी फ़ैलाने की कोशिश की कि बदले में मुगलों को भी बराबर कीमत के उपहार इस्लामी देशों से मिलते थे। इस झूठ की भी True Indology ने चिन्दियाँ बिखेर दीं। सोने, हीरे और हिन्दुस्तानियों के, हिन्दुओं के लाखों-करोड़ों रुपयों के बदले विदेशी इस्लामी शासकों ने क्या भेजा? काबा की ज़मीन बुहारने के लिए इस्तेमाल हुई झाड़ू। स्वरा भास्कर, ऑड्रे, ‘Chirpy Says’ आदि का लिबरल गैंग बताएगा कि इससे उन हिन्दुओं को क्या फायदा हुआ जिनका पैसा लूट कर इस्लाम के पैरोकार देशों में भेजा गया, जो इस पैसे को देने वाले हिन्दुओं को काफिर होने के नाते काबिले-कत्ल मानते थे।
Now in the defensive, scholar of falsehood @audreytrushke tries to play the old trick of monkey balancing. She says if Aurangzeb sent gifts, he received gifts too. Equal equal. Is that really so? Let us examine contemporary sources pic.twitter.com/rPmP4c25M4
— Messenger Of TrueIndology (@TIinExile) July 15, 2019
Contemporary traveler François Bernier was attached to the court of Aurangzeb. He says in very clear words that gifts brought by foreign Muslim kings and Mecca sharifs were petty and cheap. Their real intention behind these missions was to receive valuable gifts from aurangzeb. pic.twitter.com/YWm8axuURO
— Messenger Of TrueIndology (@TIinExile) July 15, 2019
What foreign Muslim kings gave Aurangzeb – broom used to sweep floors of Kaaba.
— Messenger Of TrueIndology (@TIinExile) July 15, 2019
What Aurangzeb gave them – gold, diamonds and Millions from Indian treasury.
Equal equal?
This testimony from Bernier is a tight slap to the scholar of falsehood @audreytruschke