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आयुर्वेद
विकिपीडिया ने आयुर्वेद को बताया अवैज्ञानिक, आक्रोशित छात्रों ने चलाया ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान
विकिपीडिया पर आयुर्वेद को 'अवैज्ञानिक' बताया गया है, जिसे लेकर आयुर्वेद के छात्रों में खासा रोष है और ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान चलाया है।
आतंकियों की तरह FIR, क्या आयुर्वेद पर काम करना गुनाह है? – बाबा रामदेव ने पूछा- ‘सिर्फ कोट-टाई वाले करेंगे रिसर्च?’
कोरोनिल पर दुष्प्रचार और दर्ज किए गए कई FIR पर बोलते हुए बाबा रामदेव ने पूछा कि कोट-टाई वालों को रिसर्च का हक़ है, धोती वालों को नहीं है?
क्या वाकई ‘कोरोनिल’ बेचने के लिए रामदेव को प्रचार की जरूरत है?
अजीत झा -
शुक्र मनाइए कि रामदेव बनिया बन गए तो कई मीडिया हाउस चल रहे हैं। जरा मीडिया कंपनी के मालिकों से पूछिए कि नोटबंदी के बाद रामदेव के विज्ञापन का सहारा न होता तो उनका क्या हुआ होता?
हमारा मन्त्र व्यापार नहीं उपचार है, परमिशन न भी मिले तो गरीब-अमीर को फ्री में दवा देंगे: बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने कहा है कि उनका 'व्यापार' नहीं 'उपचार' करने का मंत्र है और परमिशन न भी मिले तो गरीब-अमीर को फ्री में दवा देंगे।
आयुष मंत्रालय ने जाँच पूरी होने तक पतंजली को कोरोना के लिए ‘दिव्य कोरोनिल’ दवा का प्रचार करने से रोका
मंत्रालय ने पतंजली कम्पनी से कहा है कि पहले वो अपने कागज मंत्रालय में जमा करवाएँ और तब तक किसी भी तरह का विज्ञापन या दावा करने से बचें, जब तक इस पर जाँच पूरी नहीं होती।
जानिए क्या है पतंजलि की दिव्य कोरोनिल टैबलेट जो कर रही है कोरोना खत्म करने का दावा
पतंजली ने कहा कि कोरोना किट, केवल ₹545 में उपलब्ध कराया जाएगा। रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस दवा ने 3-7 दिनों के भीतर '100% रिकवरी रेट' दिखाया है।
अश्वगंधा का अश्वमेध: कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने के पतंजलि के दावे में कितना दम?
पतंजलि ने कोरोना के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा का निर्माण किया है। इसका क्लीनिकल ट्रायल अंतिम चरण में है।
कोरोना के उपचार के लिए अश्वगंधा, गुडूची पिप्पली जैसी पारंपरिक दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल शुरू
भारत में अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुडूची पिप्पली, आयुष-64 जैसे पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया गया है।
हलाल का हल्ला: आयुर्वेद व ऋषि-परंपरा को इस्लामी देशों ने अपनाया, समझौता उन्होंने किया, जीत हमारी हुई
पतंजलि को हलाल सर्टिफिकेट मिला लेकिन क्या कंपनी में कोई बदलाव किया गया? नहीं। तो फायदा किसे हुआ और समझौता किसे करना पड़ा? समझिए!
साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर के उपचार का विज्ञान है BHU का ‘भूत विद्या’, झाड़-फूँक नहीं
‘भूत विद्या’ विशुद्ध विज्ञान है। यह आष्टांग आयुर्वेद से जुड़ा है। भूत विद्या की शिक्षा लेने वाले मनोदैहिक विकार का उपचार करने में समर्थ होंगे। इस तरह के विकार मन में पैदा होकर शरीर को कष्ट देते हैं।