Friday, May 3, 2024
Homeदेश-समाजपतंजलि के छोटे साइज की माफी से संतुष्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट, बड़े साइज को...

पतंजलि के छोटे साइज की माफी से संतुष्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट, बड़े साइज को लेकर कहा – सभी माफी बिना कटिंग किए लाओ, इनलार्ज भी मत करना

जस्टिस कोहली ने इस मामले में पतंजलि से पूछा कि क्या उसके द्वारा समाचारपत्रों में छपवाई गई माफियाँ उसी साइज की हैं जिस साइज में उसने विज्ञापन छपवाए थे। उन्होंने कहा कि माफ़ी इतनी छोटी ना हो कि उसे माइक्रोस्कोप से देखना पड़े। पतंजलि ने कोर्ट को बताया कि उसने 67 समाचार पत्रों में माफ़ी छपवाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि से कहा है कि माफी माँगने के लिए दिए गए उसके विज्ञापन बड़े होने चाहिए। कोर्ट ने छोटे साइज की माफी पर नाराजगी जताई है। उसने कहा है कि माफी इतनी छोटी ना हो कि माइक्रोस्कोप से देखनी पड़े। कोर्ट ने अभी छपवाई गई माफियों की पेपर कटिंग भी माँगी है।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अह्सानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच पतंजलि के मामले की मंगलवार (23 अप्रैल, 2024) को सुनवाई की। इस मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। इस मामले की सुनवाई के दौरान विज्ञापन के साइज पर बात की गई।

जस्टिस कोहली ने इस मामले में पतंजलि से पूछा कि क्या उसके द्वारा समाचारपत्रों में छपवाई गई माफियाँ उसी साइज की हैं जिस साइज में उसने विज्ञापन छपवाए थे। उन्होंने कहा कि माफ़ी इतनी छोटी ना हो कि उसे माइक्रोस्कोप से देखना पड़े। पतंजलि ने कोर्ट को बताया कि उसने 67 समाचार पत्रों में माफ़ी छपवाई है।

पतंजलि ने कोर्ट को बताया कि उसने पूरे पेज में माफ़ी नहीं छपवाई क्योंकि इसमें दसियों लाख का खर्च आता। कोर्ट ने पतंजलि को आदेश दिया कि वह अपने द्वारा छपवाई गई माफ़ी की पेपर कटिंग एक फ़ाइल में लेकर आए। कोर्ट ने कहा कि उसके सामने समाचारपत्र की असली कटिंग लाई जाए और उसके साइज से छेड़छाड़ ना हो।

इस मामले में कोर्ट ने माफ़ी को रिकॉर्ड में शामिल करने की बात भी कही है। कोर्ट ने इस बात पर भी प्रश्न उठाए कि आखिर माफी आदेश के एक सप्ताह के बाद क्यों छपवाई गई। उसने कहा कि माफी के सुनवाई के पहले छपवाने का क्या कारण था। कोर्ट इस मामले में अब 30 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने यह आदेश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर किए गए एक मामले में दिया है। इस मामले में 16 अप्रैल, 2024 को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि को इस बात की अनुमति दी थी की वह समाचारपत्रों में अपनी माफी छपवा सकते हैं। यह मामला अवमानना से जुड़ा हुआ है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव के लिए जेल से बाहर आ सकते हैं अरविंद केजरीवाल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अंतरिम जमानत पर करेंगे विचार: 7 मई को...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर ये मामला लंबा चलता है, तो अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है।

तन पर भगवा, हाथों में रुद्राक्ष, हजारों की भीड़ में खड़ा एक साधु… EVM कैसे होता है हैक, PM मोदी ने बंगाल में फिर...

पीएम मोदी ने पूछा कि 'आप मेरे लिए प्रसाद लेकर आए हैं', इसके जवाब में साधु ने हाथ उठाकर अभिवादन किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -