Tuesday, May 20, 2025
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‘रहिमन पानी राखिए…’: मन की बात में PM मोदी ने कहा- आयुर्वेद का बाजार 6 गुना बढ़ा, देश का निर्यात ₹30 लाख करोड़

प्रधानमंत्री ने सफाई को लेकर राहुल महाराणा और चंद्रकिशोर पाटिल की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुरी के महाराणा तीर्थस्थलों के पास रोज सुबह जाते हैं और वहाँ का प्लास्टिक कचरा साफ करते हैं। पीएम पशु-पक्षियों को पीने के लिए गर्मी में पानी की कमी ना हो इसके लिए मिट्टी के बर्तन बाँटते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) की 87वें संस्करण में प्रसिद्ध योगाचार्य स्वामी शिवानंद, निर्यात, स्टार्टअप, योग एवं आयुर्वेद सहित तमाम विषयों पर बात की।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए गर्व की बात है कि भारत ने निर्यात के अपने 400 बिलियन डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपए के अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह आँकड़ा कभी 100 बिलियन तो कभी 200 बिलियन डॉलर तक रहता था। पीएम ने कहा कि यह लक्ष्य हासिल करने के अधिक भारत के सामर्थ्य की बात है और इसका मतलब यह है कि दुनिया भर में भारत में बनी चीजों की माँग बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “देश विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं। जब संकल्पों के लिये दिन-रात ईमानदारी से प्रयास होता है तो वो संकल्प, सिद्ध भी होते हैं। जब किसी के संकल्प, उसके प्रयास, उसके सपनों से भी बड़े हो जाते हैं तो सफलता उसके पास खुद चलकर के आती है। आप देखिये, किसी व्यक्ति के जीवन में भी तो ऐसा ही होता है।”

प्रधानमंंत्री ने कहा कि देश के कोने-कोने से नए-नए product विदेश जा रहे हैं। असम के हैलाकांडी के लेदर प्रोडक्ट (leather product), उस्मानाबाद के handloom product, बीजापुर की फल-सब्जियाँ और चंदौली के black rice जैसे उत्पादों का निर्यात बढ़ रहा है। लद्धाख की विश्व प्रसिद्द एप्रिकोट (apricot) दुबई में मिलेगी और सउदी अरब में तमिलनाडु से भेजे गए केले मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मेक इन इंडिया की ताकत है। देश के किसान, कारीगर, बुनकर, इंजीनियर, लघु उद्यमी, MSME Sector सहित अलग-अलग profession के लोगों ने इसमें अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “जब एक-एक भारतवासी local के लिए vocal होता है, तब local को global होते देर नहीं लगती है।”

उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब बड़ी कम्पनियाँ ही सरकार को सामान बेच पाती थीं, लेकिन अब देश बदल रहा है और पुरानी व्यवस्थाएँ भी बदल रही हैं। अब छोटा सा छोटा दुकानदार भी GeM Portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है। यही नया भारत है।

प्रसिद्ध योगाचार्य स्वामी शिवानंद को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, “हाल ही में हुए पद्म सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरूर देखा होगा। 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा कि पलक झपकते ही वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे।” उन्होंने कहा कि उनका फिटनेस चर्चा का विषय बना है और वे अपनी आयु के चार गुना कम आयु से भी अधिक फिट हैं। यह सब योग का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में जीवेम शरदः शतम् … यानी सौ वर्ष से अधिक की आयु की कामना की जाती है। यही कारण है कि आज पूरे विश्व में health को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। पिछले साल कतर में योग का एक कार्यक्रम हुआ था, जिसमें 114 देशों के नागिरकों ने हिस्सा लिया था। इसका परिणाम है कि आयुष इंडस्ट्री का कारोबार बढ़ता जा रहा है। 6 साल पहले आयुर्वेद की दवाइयों का कारोबार 22 हजार करोड़ रुपए का था, जो बढ़कर अब 1.40 लाख करोड़ रुपए का हो गया है।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने सफाई को लेकर राहुल महाराणा और चंद्रकिशोर पाटिल की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुरी के महाराणा तीर्थस्थलों के पास रोज सुबह जाते हैं और वहाँ का प्लास्टिक कचरा साफ करते हैं। पीएम पशु-पक्षियों को पीने के लिए गर्मी में पानी की कमी ना हो इसके लिए मिट्टी के बर्तन बाँटते हैं।

पानी के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।” उन्होंने कहा कि पानी का एक-एक बूँद बचाने के लिए जो वे कर सकते हैं, उन्हें करना चाहिए। गुजरात में पानी के बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया, जिसकी वजह से पानी का स्तर ऊपर आया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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