ऑपइंडिया ने एक ख़बर में बताया था कि कॉन्ग्रेस के अधिकतर विधायक ग्रामीण इलाक़ों से जीत कर आए हैं। ऐसे में, पार्टी को सहकारिता, कृषि और ग्रामीण सम्बन्धी एक भी विभाग न मिलना पार्टी नेताओं के बीच नाराज़गी की वजह बन रही है।
दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख को चिकित्सा एवं संस्कृति मंत्रालय दिया गया। बाकी कॉन्ग्रेस नेताओं को आदिवासी विकास, स्कूली शिक्षण, जनजातीय विकास, मत्स्य, ओबीसी कल्याण और डेयरी विकास देकर निपटा दिया गया।
कैबिनेट विस्तार के बाद महाविकास अघाड़ी में बगावत तेज। जालना के विधायक ने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ने का किया ऐलान। कॉन्ग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ कर चुके हैं विधायक संग्राम थोपटे के समर्थक।
असलम शेख ने जुलाई 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर मेमन की फॉंसी को उम्रकैद में बदलने की अपील की थी। मेमन 1993 बम ब्लास्ट का दोषी था। दिलचस्प यह है कि उस वक्त जिनलोगों ने मेमन का समर्थन किया था उसे शिवसेना ने देशद्रोही बताया था।
उद्धव के बेटे आदित्य, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और अमित देशमुख नए मंत्रियों में प्रमुख नाम हैं। पुणे पुलिस ने बताया कि थोपते के नाराज़ समर्थकों ने कॉन्ग्रेस कार्यालय पर हमला बोल दिया और वहाँ मौजूद कुर्सियों व गद्दों को फेंक डाला।
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बुजुर्ग को चारों ओर से घेर रखा था और उसे खरी-खोटी सुना रहे थे। इस दौरान वहाँ उपस्थित कई लोग तमाशबीन बन कर देखते रहे। अंत में महिला ने स्याही भरी बोतल निकाली और बजुर्ग के सिर और गले पर उड़ेल दिया।
"तीस साल से राजनीति कर रहा हूँ और अब इस तरह के राजनीतिक माहौल में हमारे लिए कोई जगह नहीं बची है। मैं पार्टी के किसी नेता से नाखुश नहीं हूँ लेकिन ऐसी राजनीतिक परिस्थिति बनी है कि इसके बाद अब मेरे जैसे लोगों के लिए सियासत में कोई जगह नहीं।"
उद्धव ठाकरे की आलोचना पर शिवसैनिकों ने राहुल तिवारी को घर में घुस कर पीटा था। उनका सिर मुंडवा दिया था। आदित्य ने पार्टी कार्यकर्ताओं की इस गुंडई को स्वभाविक गुस्सा बताया है।
हीरामणि तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन लोगों ने उनके अकेले होने का फायदा उठाया है। उनको सजा मिलनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनलोगों ने उन्हें इतनी बुरी तरह से पीटा कि उनके कान का पर्दा फट गया है। उन्होंने शिव सैनिकों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है, ताकि फिर......
“मीडिया से हमें पता चला है कि इस कानून के अंतर्गत जितने भी हमारे देश की जनता है, उनकी जनगणना की जाएगी, उनको यहाँ पर नागरिक रखा जाएगा… इस एक्ट के अंदर हमें यही बताया गया है कि हमारे जो मुस्लिम भाई हैं, उनको अपनी नागरिकता साबित करनी होगी।”