इसी साल 28 जुलाई को जब रेप पीड़िता जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी तो एक ट्रक ने उसकी कार में टक्कर मार दी। हादसे में पीड़िता के दो परिजनों की मौत हो गई थी, जबकि वह खुद और उसके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
आमिर खान की याचिका में कहा गया है कि ट्रायल जज ने स्वीकार किया है कि पीड़िता के पिता के साथ मारपीट या पिटाई की साजिश में उसकी कोई भूमिका नहीं है। इसलिए याचिकाकर्ता सहित पुलिस अधिकारियों को हत्या के लिए उत्तरदायी बनाना गैरकानूनी है।
उन्नाव रेप पीड़िता के चाचा पर 6 केस चल रहे हैं। शुक्रवार को अलग-अलग न्यायालयों में पाँच मामलो की सुनवाई हुई थी। इस दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली पुलिस की गाड़ी में पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल से उन्नाव लाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दो हफ्ता का समय देने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल वकील को चिकित्सा खर्च के लिए 5 लाख रुपए का अंतरिम मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।
पीड़िता ने बताया कि कार चला रहे वकील ने रिवर्स गियर में कार डालकर ट्रक के रास्ते से बचने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सके, क्योंकि ट्रक बिल्कुल उन्हीं की तरफ मुड़ गया और फिर उनकी कार को रौंद दिया। पीड़िता की हालत अभी भी नाजुक है।
हादसे के बाद पीड़िता के चाचा महेश सिंह ने एक्सीडेंट के मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया था। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को सेंगर के ख़िलाफ़ रेप के मामले में आरोप तय किए थे।
एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सभी मामले उत्तर प्रदेश से दिल्ली की सीबीआई अदालत को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। 8 अगस्त को सीबीआई ने अदालत में बताया कि विधायक सेंगर के खिलाफ नाबालिग से रेप के पुख्ता सबूत हैं।
सीबीआई की एक टीम ने पीड़िता के गॉंव माखी में ग्रामीणों से पूछताछ की। माखी थाने में दस्तावेजों को खंगाला और पुलिसकर्मियों से पूछताछ की। जॉंच अधिकारी पीड़िता के वकील के पड़ोसियों से भी मिले।