सुरक्षाबलों द्वारा जैश आतंकी सज्जाद अहमद डार को बुधवार को मार गिराने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया इस हिदायत के साथ कि जनाजे में ज्यादा लोग एकत्र न हों, लेकिन इसके बाद भी जैसे ही आतंकी के शव को परिजनों को सौंप दिया गया। नियमों और कोरोना से खतरे को ताक पर रखकर एक के बाद एक भारी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ उसके जनाजे में जुटने लगी।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा है कि घाटी में पर्यटकों और बागानों को निशाना बनाने के बाद आतंकवादी अब जल और विद्युत आपूर्ति समेत पूरे बुनियादी ढांचे काे तबाह करने की कोशिश में हैं।
J&K के डीजीपी ने कहा, विरोध-प्रदर्शन की अनुमति देने से पहले प्रशासन का ध्यान पूरी तरह शांति कायम करने पर है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं के हाथ में जो पोस्टर थे, वह बहुत अच्छे नहीं थे। निश्चित रूप से वे कानून और व्यवस्था के हित में नहीं थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रहमान मलिक के प्रोपेगंडा गुब्बारे में पिन चुभोते हुए खुलासा किया कि जो वीडियो वह बाँट रहे हैं, वह एक बम धमाके का पुराना वीडियो है। यह पाकिस्तान और उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की साइबर युद्धनीति का हिस्सा है, जिससे हिंदुस्तान में, और खासकर सुरक्षा बलों में, तनाव भड़का कर शांति भंग किया जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि चूँकि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से हिंसा भड़काने के पाकिस्तान के सभी प्रयास नाकाम हो रहे हैं, इसलिए हताशा में यह कदम उठाया गया है। उसे कोई अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिल रहा, हिंदुस्तान से व्यापारिक रिश्ते तोड़ लेने का खमियाज़ा भी पाकिस्तान को ही अपने यहाँ बेकाबू हो रही महँगाई के रूप में भुगतना पड़ रहा है।