कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर भारत ने जस्टिन ट्रूडो और वहाँ के अन्य नेताओं की टिप्पणी को देश के आंतरिक मामलों में "अस्वीकार्य हस्तक्षेप" के समान बताया है।
“मैं प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करता हूँ कि भारत सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने उन्हें 3 दिसंबर को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। सरकार किसानों की हर समस्या और माँग पर विचार करने के लिए तैयार है।”
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ओएमए सलाम ने भी घोषणा किया कि उनका इस्लामी संगठन ‘दिल्ली चलो’ मार्च का समर्थन करेगा। वह किसानों की माँगों के साथ खड़े हैं।
किसान आंदोलन पर खालिस्तान समर्थक ताकतों ने कब्ज़ा कर लिया है। SFJ पहले ही इस बात का ऐलान कर चुका है कि वह खालिस्तान का समर्थन करने वाले पंजाब और हरियाणा के किसानों को 10 लाख रूपए की आर्थिक मदद करेगा।
मीटिंग 3 दिसंबर को तय की गई है और हम तब तक यहीं पर रहने वाले हैं। अगर उस मीटिंग में कुछ हल नहीं निकला तो बैरिकेड तो क्या हम तो इनको (शासन प्रशासन) ऐसे ही मिटा देंगे।