"पाकिस्तान को यह मानना होगा कि उन्होंने जो मॉडल अपने लिए बनाया है, वह काम नहीं कर रहा है। आप जिहाद को सरकारी तंत्र की वैधता-प्राप्त नीति नहीं बना सकते।"
वीडियो और अन्य प्रोपेगंडा के ज़रिए लोगों को बरगलाने के अलावा अपने समर्थकों से विस्फ़ोटकों, विष, चाकुओं और वाहनों के ज़रिए जिहाद करने की अपील की जा रही थी।
जिहादी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए इमरान खान का ये बयान उस समय आया है जब वो जल्द ही संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने वाले है और साथ ही विश्व के सबसे शक्तिशाली देख अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं।
पाकिस्तान FATF की ग्रे-लिस्ट में है, और उसके पास केवल अक्टूबर तक का समय है, वैश्विक समुदाय को यकीन दिलाने के लिए कि वह जिहाद के लिए पैसा देने वाले सभी स्रोतों पर लगाम लगा चुका है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रशिया टुडे को दिए इंटरव्यू में स्वीकारा है कि 1980 में अफगानिस्तान में जिहाद की आग फ़ैलाने वाले मुजाहिदीनों को पैसा भले CIA से मिला हो, लेकिन उन्हें खाद-पानी देकर सींचने का काम इस्लामाबाद ने ही किया था।
जब मौलवी लोगों को संबोधित कर रहा था तो भीड़ ‘भारत का एक ही इलाज अल-जिहाद, अल-जिहाद, अल-जिहाद’ के नारे लगा रही थी। भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान यहींं पर समाप्त नहीं होता है। हाल ही में, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने.......
इस साल मई में मलेशिया पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने इस्लामिक स्टेट के विघटन के बाद अलग हुए तीन 'लोन वुल्फ़' जिहादियों को गिरफ़्तार कर लिया है। मलेशिया पुलिस के अनुसार इस गुट के बाकी जिहादियों को उन्होंने पहले ही धर-दबोचा था