एग्जिट पोल्स के बाद आप ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में केजरीवाल के घर पर एक बैठक हुई। इसमें मनीष सिसोदिया और प्रशांत किशोर भी मौजूद थे।
पिछली बार की तुलना में भाजपा की सीटों में काफी इजाफा होता दिख रहा है। लेकिन एग्जिट पोल की माने तो वह सरकार बनाने में कामयाब नहीं रहेगी। आप को आसानी से बहुमत मिलता दिख रहा है।
जहाँ पहले केजरीवाल की पार्टी तय कर रही थी कि मुद्दा क्या होगा, बाद में वो हनुमान चालीसा पढ़ कर और मंदिर-मंदिर घूम कर ख़ुद भाजपा की पिच पर खेलने लगे। उनका दावा है कि सब 'पवित्र शक्तियाँ' उनकी ही पार्टी के साथ है। अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयानों का भाजपा को फ़ायदा हुआ।
"केजरीवाल ने कहा था कि वो इनकम टैक्स की नौकरी छोड़ कर आए हैं, ये कर दूँगा, वो कर दूँगा- और मैं उन चक्करों में फँस गया। पहले कहते थे कि उप-राज्यपाल उनकी छाती पर दाल रगड़ रहे थे। अब वो दाल कहाँ चली गई?"
"यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि सोचा-समझा प्रयोग है। ये राष्ट्र की सौहार्दता को खंडित करने का एक कुत्सित प्रयास है। संविधान और तिरंगे को सामने रखते हुए ज्ञान बॉंटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है।"
शाहीन बाग़ में हो रहे उपद्रव पर बोलते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि सोते हुए लोगों को तो जगाया जा सकता लेकिन इन्हें कोई नहीं जगा सकता। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग़ में बैठे लोगों की पीड़ा सीएए नहीं है, बल्कि अनुच्छेद 370 है, तीन तलाक़ है और राम मंदिर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रामलीला मैदान में हुई रैली और 40 लाख लोगों की कॉलनियों को पक्का किए जाने के कारण भाजपा को फायदा हुआ है। अमित शाह छोटी-छोटी सभाएँ कर रहे हैं। सीएए के ख़िलाफ़ हुई हिंसा में विरोधी पार्टियों के नेताओं का हाथ होने की बात से भी फ़र्क़ पड़ा है।
"दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही सरकारी जमीनों पर बने धार्मिक स्थलों को सरकारी जमीन से खाली कराया जाएगा। दिल्ली में 54 से ज़्यादा मस्जिद, मदरसे सरकारी जमीन पर बने होने की सूचना है। सूची उपराज्यपाल को भेजकर..."
दिल्ली का असली मालिक जनता को बताते हुए रैप सॉन्ग में 'AAP' पर कॉन्ग्रेस से गठबंधन करने को लेकर भी निशाना साधा गया है। बीजेपी ने इस रैप सॉन्ग का विडियो ट्वीट करते हुए लिखा है- "यह रैप सॉन्ग केजरीवाल के खराब गवर्नेंस को एक्सपोज करता है।"
ये पहली बार नहीं है जब प्रवेश वर्मा ने इस मुद्दे को सार्वजनिक तौर पर उठाया। इससे पहले वे इस संबंध में 18 जून को दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिख चुके हैं। उस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि देश की राजधानी में कई मस्जिदों का निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किया गया है।