''यह बहुत हैरानी की बात है कि इतनी कम राशि के लिए दिल्ली सरकार जो सभी राज्यों में अपने आपको सबसे बेहतर और सबसे अधिक बजट वाला होने का दावा करती है, वो मना कर रही है।''
एनसीपीसीआर ने यह भी पाया कि बड़े लड़कों को भी विरोध स्थलों पर भेजा गया था। बच्चों को विरोध के लिए भेजना किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 83(2) का उल्लंघन है।
अदालत ने कहा कि IMA जैसी संस्था का इस्तेमाल किसी धर्म को बढ़ावा देने की बजाए अपना ध्यान मेडिकल क्षेत्र की उन्नति और इससे जुड़े लोगों की भलाई में लगाएँ।