तीनों छात्रों ने देश विरोधी विडियो उस समय बनाया जब कॉलेज में पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था। वे इस कार्यक्रम में शामिल होने के बजाय हॉस्टल में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए विडियो बना रहे थे।
अमूल्या लियोना एक पेड प्रोटेस्टर है। पुलिस को उसने बताया कि उसका भाषण भी सीएए विरोधी ही तैयार करते हैं। फिलहाल वह देशद्रोह के मामले में जेल में है। उसे बेंगलुरू में ओवैसी के मंच से नारे लगाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
कन्हैया कुमार और उसके साथियों के खिलाफ बीते साल जनवरी में ही पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया था। लेकिन केजरीवाल सरकार फाइल पर कुंडली मारे बैठी थी। दबाव बढ़ने पर अब उसने देशद्रोह का केस चलाने को मॅंजूरी दे दी है।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि शरजील इमाम न केवल अजमल के साथ बल्कि असम के कई अन्य लोगों के साथ भी फोन पर संपर्क में था। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
जामिया के छात्रों ने कहा कि माहौल ऐसा बना दिया गया है जैसे शरजील कोई देशद्रोही हो। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि देश में नफरत का माहौल बना दिया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शरजील इमाम की विचारधारा से डरते हैं। उन्होंने धमकाया कि हज़ारों शरजील पैदा होंगे।
देशद्रोह के आरोपित और जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को गुवाहाटी की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। यहाँ कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए उसे 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। शरजील ने...
देशद्रोह के मामले में अभियोग चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत दिल्ली सरकार की मॅंजूरी जरूरी है। बिना इसके कोर्ट दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकती।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामला चलाने के लिए अभी तक राज्य सरकार ने मॅंजूरी नहीं दी है। इसके बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजने के निर्देश दिए।
केस में बुधवार (फरवरी 5, 2020) को जामिया के तीन छात्रों से पूछताछ की गई थी। जिन्हें शरजील के फोन से मिले सबूतों के आधार पर नोटिस देकर जाँच में शामिल होने के लिए कहा गया था। इन छात्रों की पहचान शाहनवाज, सनाउल्लाह और सिद्धार्थ के रूप में हुई है।
उसने मस्जिदों में भड़काऊ पर्चे बँटवाए थे। उसने सीएए और एनआरसी को लेकर कई पैम्पलेट तैयार किए थे, जिनमें भयभीत करने वाली भड़काऊ बातें लिखी हुई थी। उन पर्चों की प्रति भी जब्त कर ली गई है और उस दुकान को भी चिह्नित कर लिया गया है, जहाँ उन्हें छपवाया गया था।