Thursday, April 25, 2024
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‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के पास 45 दिन: JNU देशद्रोह मामले में केजरीवाल सरकार से कोर्ट ने माँगी स्टेटस रिपोर्ट

CPI नेता और जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार बिहार में इन दिनों ‘जन-गण-मन यात्रा’ पर निकले हुए है। नागरिकता कानून के विरोध में आयोजित इस यात्रा के दौरान वे जहॉं भी जा रहे उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उन पर कई जगहों पर हमले भी हो चुके हैं।

जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने के मामले में विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके साथियों की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में दिल्ली सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मॉंगी है। रिपोर्ट दाखिल करने के लिए केजरीवाल सरकार को 3 अप्रैल तक का वक्त दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि कन्हैया और अन्य पर देशद्रोह का मामला चलाने की अनुमति दिल्ली सरकार नहीं दे रही है।

बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पुरुषोत्तम पाठक ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया कि वह दिल्ली सरकार को कन्हैया पर अभियोजन के लिए जरूरी मॅंजूरी के बारे में याद दिलाए। इससे पहले पुलिस ने एक बार फिर कोर्ट को बताया कि मुकदमा चलाने की मॅंजूरी अभी तक नहीं दी गई है। मॅंजूरी का अनुरोध करने वाला पत्र जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार) के पास लंबित है। इसके बाद अदालत ने निर्देश जारी किए।

बता दें कि इससे पहले इस मामले की सुनवाई 11 दिसंबर 2019 को पटियाला हाउस कोर्ट में हुई थी। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी भी दिल्ली सरकार से देशद्रोह के सेक्शन पर अप्रूवल नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस कहा था कि दिल्ली सरकार से अनुमति माँगी गई है, लेकिन वह अनुमति दे नहीं रहे थे और इसी वजह से सीधा अदालत में चार्जशीट दायर कर दी गई। इसके बाद अदालत ने चार्जशीट पर यह कहते हुए संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था कि दिल्ली सरकार देशद्रोह की धारा को लेकर अपना रुख साफ करे।

दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी 2019 को करीब 1200 पन्ने का चार्जशीट अदालत में दाखिल किया था। इसमें कन्हैया कुमार और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद को मुख्य आरोपित बनाया था। वहीं, सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उतर गुल, रईस रसूल, बसरत अली व खालिद बशीर भट का नाम शामिल है। इसके अलावा रामा नागा, आशुतोष, शहला राशिद, डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, रुबैना सैफी, समर खान समेत 36 छात्रों को भी आरोपित बताया गया है।

उल्लेखनीय है 9 फरवरी 2016 को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी परिसर में देश विरोधी नारे लगाने के कई वीडियो सामने आए थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत कई अन्य आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जाँच की थी। इसी आधार पर पिछले साल अदालत में चार्जशीट दायर की थी जिसमें कन्हैया कुमार समेत अन्य आरोपितों पर देशद्रोह की धारा लगाई गई थी। इन पर आरोप है इन्होंने जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम में इन्होंने एक जुलूस की अगुवाई की थी और देशद्रोही नारे लगाए थे।

गौरतलब है कि CPI नेता और जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार बिहार में इन दिनों ‘जन-गण-मन यात्रा’ पर निकले हुए है। नागरिकता कानून के विरोध में आयोजित इस यात्रा के दौरान वे जहॉं भी जा रहे उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उन पर कई जगहों पर हमले भी हो चुके हैं। ऐसी ही एक घटना में बीते दिनों चप्पल फेंकने वाले युवक चंदन कुमार को उनके समर्थकों ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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