महात्मा गाँधी की सलाह को प्रधानमंत्री नेहरू ने अनदेखा किया। शेख ने भी अपनी बात रखने में बहुत वक्त लगा दिया। प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से पहले ही POJK को वापस लेने के लिए भारत सरकार को अपनी नीतियाँ स्पष्ट कर देनी थीं। लेकिन अफसोस यह है कि...
यूरोपीय संघ की संसद में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाने के पीछे यूके के सांसद शफ्फाक मोहम्मद का दिमाग है, जो कि मूल रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) का रहने वाला है। POK में मीरपुर का निवासी शफ्फाक मोहम्मद 2019 से यूरोपियन पार्लियामेंट का सदस्य है।
1994 में संसद में प्रस्ताव पारित कर कहा गया था कि पूरा जम्मू-कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है। इसी का हवाला देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि निर्देश मिलने पर उचित कार्रवाई के लिए सेना तैयार है।
हर भारतीय को भारत के नजरिए से बने वैध नक्शे को देखने की जरूरत है न कि पाकिस्तान-चीन के प्रोपेगेंडा वाले नक्शे को ध्यान में रख कर राजनीति करने की! लेकिन PFI तो इस्लामिक संगठन है, उसे तो पाकिस्तान में सब कुछ 'पाक' दिखता है इसलिए POK भी पाकिस्तान में मिला देना चाहता है।
शाह ने कहा कि भारत और पाकिस्तान का रिश्ता इस पर निर्भर करता है कि वो अपनी ज़मीन पर आतंकवाद को ख़त्म करता है या नहीं। अगर वो आतंकवाद फैलाने वाली रणनीति पर कायम रहता है तो उसका जवाब हम देंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि पीओके के लिए जान भी दे देंगे। इसके बाद से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत सरकार पीओके और अक्साई चीन को अवैध कब्जों से छुड़ाने के लिए प्रयासरत हैं।
“चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ को राजनीतिक बयान नहीं देना चाहिए। वे सरकार से इजाजत ले पीओके पर हमला करें और उसे वापस कश्मीर में शामिल करें। मुझे लगता है कि वे जल्द रिटायर होने वाले हैं इसलिए ऐसे बयान दे रहे।”
मुजफ्फराबाद में एक दिन में पाक पुलिस का बर्बर चेहरा दूसरी बार सामने आया। पत्रकारों को न केवल पीटा गया, बल्कि उनके उपकरण भी तोड़ दिए गए। पत्रकारों ने जानबझूकर निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
आरिफ अजाकिया ने कहा, "इमरान ने सत्ता में आने के लिए अपनी पूरी साख को दाँव पर लगा दी। बाजवा इससे जो कहता है, ये करता है और जब ये बजवा के कहने चुपचाप पर चल रहा है तो फिर ये इसको क्यूँ हटाएँगे? उन्होंने कहा कि बाजवा जब इसे भीख माँगने के लिए भेजता है तो ये कभी सऊदी चला जाता है, तो कभी कहीं और। बाजवा ने कश्मीर पर हल्ला मचाने के लिए कहा तो कर दिया। खुद बाजवा, जिसने 70 साल तक इस कौम को कश्मीर के नाम पर लूटा, वो चुप है।"