सारा और सचिन पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान एक दूसरे से मिले थे। एक दूसरे को डेट करने के बाद, दोनों ने सारा के परिवार की तरफ से लगातार आपत्तियों के बावजूद 2004 में एक बंधन में बँधने का फैसला किया।
फारुख अब्दुल्ला की सात महीने बाद हुई रिहाई के बाद भी अधिकांश स्थानीय लोग उत्साहित नहीं दिखे। पास में खड़े एक रिक्शा चालक ने कहा कि ये कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि फारुख अब्दुल्ला ने स्थानीय निवासियों की कभी कोई परवाह ही नहीं की है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के कुछ प्रावधानों को निष्क्रीय करने और विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद से घाटी में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए वहाँ के स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर लिया गया था।
एकजुट जम्मू नामक संगठन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इसके मुताबिक जम्मू में सुनियोजित तरीके से लैंड जिहाद को अंजाम दिया गया और अपने ही इलाकों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए। फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद की छत्रछाया में इसे अंजाम दिया गया।
पहली बार विलय दिवस पर सरकारी छुट्टी होगी। भारतीय जनता पार्टी, पैंथर्स पार्टी समेत कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन बरसों से विलय दिवस पर अवकाश की माँग कर रहे थे।
कश्मीर में यह पहला मौका है जब इस एक्ट के तहत मुख्य धारा के नेताओं को गिरफ्तार किया गया। आमतौर पर इस एक्ट का इस्तेमाल आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों के लिए किया जाता रहा है।
"वहाँ हालात सामान्य है। मैं कॉन्ग्रेस की स्थिति को सामान्य नहीं बना सकता, क्योंकि उसने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद खून-खराबे की भविष्यवाणी की थी। मगर उस तरह का कुछ नहीं हुआ, एक गोली नहीं चली।"
कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक पत्र ट्वीट कर अब्दुल्ला का दर्द सामने रखा है। साथ ही कहा है कि उन्हें संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जाए। इसको लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने थरूर और अब्दुल्ला को जमकर सुनाई है।
सुरैया और साफिया के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में शामिल महिलाएँ जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बाँटने का विरोध कर रही थीं। फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला पहले से ही हिरासत में हैं।