Wednesday, October 16, 2024
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J&K: अब शेख अब्दुल्ला की पैदाइश पर छुट्टी नहीं, भारत में विलय के 72 साल बाद 26 अक्टूबर को अवकाश

जम्मू-कश्मीर में अब तक शहीदी दिवस की छुट्टी हुआ करती थी। यह अवकाश 13 जुलाई 1931 को कश्मीर में महाराजा के खिलाफ हुए एक विद्रोह में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता था।

आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार (दिसंबर 27, 2019) को नए साल 2020 के लिए सरकारी छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया। नए कैलेंडर में शहीदी दिवस (जुलाई 13) की छुट्टी खत्म कर दी गई है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के अब्बा मरहूम शेख अब्दुल्ला के जन्मदिवस (दिसंबर 05) पर भी अब सरकारी छुट्टी नहीं होगी।

इसके अलावा प्रशासन ने नए कैलेंडर में 26 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विलय दिवस पर राजकीय अवकाश रखा है। लेकिन विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी का नहीं होगी।

ये सारी जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव जीएल शर्मा की ओर से शुक्रवार देर रात सूची जारी कर दी गई। सूची के अनुसार, 2020 में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में 27 सरकारी छुट्टियाँ होंगी। 2019 की तुलना में एक छुट्टी कम। नई सूची में सिर्फ़ विलय दिवस का अवकाश ही नया है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर की तरह लद्दाख ने भी अपना कैलेंडर जारी करते हुए शहीदी दिवस और शेख अब्दुल्ला के जन्मदिवस पर अवकाश रद्द कर दिया है। इसके बाद अब लद्दाख में कुल छुट्टियों की संख्या 46 रह गई है। वर्ष 2019 में कुल 51 छुट्टियों की सूची जारी की गई थी। इसमें गजटेड छुट्टियाँ 28, कश्मीर संभाग की 4, जम्मू संभाग की 3, स्थानीय-12 तथा प्रतिबंधित छुट्टियाँ 4 थीं। वर्ष 2020 के लिए जारी सूची में गजटेड छुट्टियाँ 27, कश्मीर संभाग की 4, जम्मू संभाग की 3, स्थानीय-04 तथा प्रतिबंधित छुट्टियाँ 4 हैं।

यहाँ बता दें कि जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के लगभग 72 साल बाद विलय दिवस पर अवकाश का ऐलान हुआ है। भारतीय जनता पार्टी, पैंथर्स पार्टी समेत कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन बरसों से विलय दिवस पर अवकाश की माँग कर रहे थे। वहीं, जम्मू-कश्मीर में अब तक शहीदी दिवस की छुट्टी हुआ करती थी। यह अवकाश 13 जुलाई 1931 को कश्मीर में महाराजा के खिलाफ हुए एक विद्रोह में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता था। 13 जुलाई को हर साल जम्मू-कश्मीर में सरकारी स्तर पर शहीदी दिवस मनाया जाता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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