इसी तरह प्रदेश के पूर्वी गोदावरी इलाके में अंतर्वेदी एक तीर्थस्थल है। वहाँ कुछ समय पहले एक 62 साल पुरानी श्रीलक्ष्मी नरसिम्हा की मूर्ति को जलाकर राख करने का मामला सामने आया था।
विहिप ने 5000 ऐसे पुजारियों को प्रशिक्षित कर विभिन्न मंदिरों में नियुक्त किया है, जो एससी-एसटी हैं। विभिन्न राज्य सरकारों ने भी अपने पैनल में इन पुजारियों को जगह दी है।
पीठ ने महाराष्ट्र सरकार और श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन समिति को याचिका के जवाब में इस साल 18 सितंबर तक एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। अक्टूबर महीने में मामले की फिर से सुनवाई होगी।