“मुझे लगता है कि मुस्लिमों की आबादी के अनुपात के हिसाब से अल्पसंख्यक समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है। पार्टी की रणनीतिक समिति में सिर्फ एक ही व्यक्ति रहता है। मेरे जैसे व्यक्ति को भी कमिटी में होना चाहिए।”
चेहरे को पत्थर से कुचल दिया। दाहिने हाथ को क्षत-विक्षत किया गया। यह सब इसलिए ताकि पहचान छिपाई जा सके। लेकिन 3 टैटू, सोशल मीडिया प्रोफाइल और मोबाइल लोकेशन ने अपनी ही गर्लफ्रेंड के हत्या आरोपित अशरफ़ शेख़ को पहुँचाया जेल।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने राजनीतिक दबाव में यह फैसला किया है। साथ ही इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आरक्षण की 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन भी होता है। एसईबीसी आरक्षण कानून मराठा समुदाय को शिक्षा में 12 और नौकरी में 13 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है। इस कानून के पास होने के बाद महाराष्ट्र में आरक्षण की सीमा बढ़कर 68 फीसदी हो गई है।
कैलाश के बारे में स्थानीय एनसीपी नेताओं ने यह भी कहा कि उसने मार्च में पार्टी के लिए समय न निकाल पाने की बात कहते हुए इस्तीफा दे दिया था। वह पार्टी की स्थापना के समय से ही इसका सदस्य था। ईनामी नक्सलियों किरण कुमार और नर्मदक्का की गिरफ़्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर कैलाश को गिरफ़्तार किया गया।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ममता डिसूजा ने बताया कि पीड़ित मोहम्मद शेख ने शनिवार सुबह जब छोटे भाई को अपने मोबाइल फोन पर पबजी खेलने से मना किया तो वो क्रोधित हो गया। किशोर ने गुस्से में आकर अपने बड़े भाई मोहम्मद शेख का सिर दीवार पर दे मारा और फिर उस पर लगातार कैंची से हमला किया।
कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि मराठा आरक्षण को 16% से घटाकर 12 या 13% करना चाहिए।
कॉन्ग्रेस की समस्या को और बढ़ाते हुए, पाटिल के साथ पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार ने भी कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने तो यहाँ तक दावा किया कि जल्द ही 8-10 और विधायक भी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
समिति का मानना है कि ड्राइ-डे पर शराब पीने वाले अपने लिए किसी भी तरह शराब की व्यवस्था कर लेते हैं। ऐसे में अवैध रूप से शराब की बिक्री का कारोबार पनपता है। वहीं, अवैध शराब बिकने से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।
अशोक चव्हाण के नेतृत्व में राज्य का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य में कॉन्ग्रेस में सिर्फ 2 सीटें मिली थी, तो वहीं, इस बार के चुनाव में महज 1 सीट से ही संतोष करना पड़ा। अशोक चव्हाण खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाए।
वीडियो के वायरल होने के बाद कॉन्ग्रेस की महिला विधायक के इस रवैये पर पार्टी की फजीहत होने लगी तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि अधिकारी पानी की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे थे, जिस वजह से उन्हें गुस्सा आ गया।