शेखर गुप्ता ने आरोप लगाया कि ब्लूम्सबरी ने संजीव सान्याल, आनंद रंगनाथन और संजय दीक्षित जैसे लेखकों की धमकी के बाद दिल्ली दंगों पर किताब का प्रकाशन वापस लिया।
"भारत के मुख्य न्यायाधीश, चुनाव आयुक्त, राष्ट्रपति यह सभी लोग हर पाँच साल बाद मतदान करते हैं। हर इंसान जो चुनाव के दौरान अपने संवैधानिक अधिकारों का सदुपयोग करता है। उसकी कोई न कोई राजनीतिक विचारधारा होती है।"