प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए के 52 करोड़ से भी अधिक ऋण स्वीकृत किए हैं जिससे छोटे शहरों और गाँवों को व्यापार बढ़ाने में मदद मिली है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत जीरो बैलेंस पर बगैर किसी चार्ज के खाते खोलने की सुविधा है। इसके जरिए सरकारी योजनाओं का फायदा सीधे गाँव और सुदूर इलाकों के लोगों तक पहुँच पाया।
यह सर्वे, विनिर्माण, सेवाओं, संबद्ध कृषि, व्यापार और अन्य क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार सृजन की जानकारी एकत्र करने के लिए किया गया था। सर्वे शुरू होने से पहले लगभग 5 करोड़ व्यक्ति ऐसे प्रतिष्ठानों में कार्यरत थे, जिन्हें मुद्रा लोन का लाभ मिला था।