वसुंधरा राजे ने मीसा बंदियों के लिए पेंशन शुरू किया था। राजे ने उन्हें लोकतंत्र सेनानी का दर्जा दिया था। मीसा बंदियों को 20 हजार रुपए मासिक पेंशन, निशुल्क बस यात्रा और निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने की योजना लागू थी।
सांगोद से विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर खनन विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-27 की क्षतिग्रस्त सड़क के लिए ठेकेदार काे अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही है।
आगजनी की घटना की जानकारी मिलते ही अजमेर पुलिस के महानिरीक्षक संजीव निर्जारी, पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरधन लाल स्थिति का जायज़ा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुँचे। अधिकारियों ने लोगों के बीच बढ़ते ग़ुस्से को भाँपते हुए उन्हें उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया।
सुमन गुर्जर अपने वार्ड में विकास कार्यों के एवज में ठेकेदार से 3 प्रतिशत कमीशन मॉंग रही थी। ठेकेदार ने पहले 50,000 रुपए दिए। रिश्वत की दूसरी किस्त लेते वक़्त एसीबी की टीम ने रंगे हाथों सुमन गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया।
टोंक जिले में मालपुरा कस्बा हमेशा से संवेदनशील रहा है। यहाँ कहा जाता है कि हर साल 2 या 3 बार हिंदू मुस्लिम आबादी आपस में भिड़ते हैं। जिसके चलते कई बार यहाँ दंगे भी हो चुके हैं।
पुलिसकर्मियों को पीटने के लिए बदमाश उन्हें मध्य प्रदेश के बीहड़ में लेकर चले गए। इसके बाद बदमाशों ने घायल पुलिसकर्मियों की वहाँ भी पिटाई की और दोनों को वहीं पर छोड़ कर चलते बने। पिटाई के बाद दोनों पुलिसकर्मी अधमरी अवस्था में वहाँ तड़प रहे थे।
गहलोत ने विवादित बयान देते हुए कहा कि गुजरात में आज़ादी के बाद से ही शराब पर प्रतिबन्ध है लेकिन शराब की सबसे ज्यादा खपत गुजरात में ही होती है। उन्होंने गुजरात के बारे में आगे दावा किया कि राज्य में घर-घर में शराब पी जाती है।
घटना के बाद से इलाके की स्थिति इतनी नाजुक थी कि पूरे दशहरा मैदान को पुलिस व अन्य बलों के जवानों ने अपनी निगरानी में ले लिया। विरोध में लोगों ने रावण दहन भी नहीं किया। हालात बिगड़ने के डर से प्रशासन-पुलिस ने सुबह 4:30 बजे रावन दहन कर दिया।
जयपुर के एक होटल ने एक जोड़े को रूम देने से सिर्फ़ इसीलिए मना कर दिया क्योंकि वो दोनों अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखते हैं। उक्त पुरुष मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है तो महिला हिन्दू है। होटल के रिसेप्शन पर दोनों को कहा गया कि उन्हें चेक-इन नहीं करने दिया जाएगा लेकिन क्योंकि दोनों अलग-अलग धर्म से हैं।
तहसीलदार फूलचंद कश्यप को 29 सितम्बर 2019 को अटरू तहसील ट्रांसफर किया गया। फिर एक संशोधित आदेश आया - उप-तहसील केलवाड़ा में भेजे जाने का। फिर एक और आदेश आया - वापस अटरू तहसील जाओ। ये सभी ट्रांसफर/आदेश 29 सितम्बर की तारीख को ही की गई।