सुमित और खुशी अब सराय काले खाँ की उस दलित बस्ती में लौट चुके हैं, जिस पर सालभर पहले मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। लेकिन इनकी परेशानियाँ अब भी बनी हुई है।
बस्ती के लोगों ने कहा कि वो प्रशासन से माँग करते हैं कि सुलेमान की बेटी सबीना सहित सभी हमलावरों को सजा हो। सबीना ने ही बस्ती में खून की होली खेलने की धमकी दी थी।
मुस्लिम भीड़ गाड़ी तोड़ने के बाद उसी में से पेट्रोल निकालकर बस्ती जलाने की कोशिश में थे, मगर बस्ती के लोगों और महिलाओं की सक्रियता ने इस हादसे को होने से बचा लिया।
"डर की वजह से राजीनामा के बाद उन्हें अपने घर लेकर नहीं आई। उन लोगों ने उनके घर में तोड़फोड़ की। घर में आग लगाने की कोशिश की। अगर उस दिन घर पर वो लोग होते वो मार दिए जाते।"
मुस्लिम हमलावरों के हाथों में तलवार, चाकू, छूरी, बंदूकें और डंडे आदि थे। पीड़ितों का कहना है कि चूँकि वो लोग जगे हुए थे, इसलिए बच गए। हमलावरों ने महिलाओं के बाल पकड़ कर भी खींचे।