Monday, November 18, 2024

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हिंदी विवाद

‘पत्र में हिंदी में मत लिखो, ये नहीं समझ आती’: DMK सांसद अब्दुल्ला ने केंद्रीय मंत्री को तमिल में दिया जवाब, पहले CM स्टालिन...

डीएमके सांसद अब्दुल्ला ने केंद्रीय मंत्री को तमिल में पत्र लिखकर कहा कि उन्हें हिंदी में पत्र ना लिखी जाए। आधिकारिक पत्र अंग्रेजी में हो।

‘सनातन धर्म और हिंदीभाषियों के खिलाफ बयान पर राहुल गाँधी चुप क्यों?’: पूर्व मुख्यमंत्री KCR की बेटी ने उठाए सवाल, कहा – PR स्टंट...

BRS नेता के कविता ने कहा कि जब सनातन धर्म का अपमान किया जाता है कई करोड़ लोगों आहत होते हैं। इसे लेकर वो इस देश के लोगों के लिए जवाबदेह हैं।

‘तमिलनाडु में शौचालय साफ़ करते हैं हिंदी बोलने वाले’: उत्तर भारतीयों को लेकर DMK सांसद दयानिधि मारन का बयान हो रहा वायरल, जानिए क्या...

DMK के सांसद दयानिधि मारन का हिंदी बोलने को लेकर एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानिए क्या है पूरा मामला, क्यों चर्चा में।

‘हिंदी बोलने वाले पानीपुरी बेचते हैं’: तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा- अंग्रेजी ज्यादा मूल्यवान, दूसरी भाषा सीखने की क्या जरूरत?

तमिलनाडु सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने कहा कि हिंदी पढ़ने वाले पानीपुरी बेचते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी अधिक मूल्यवान है।

भारत की भाषा संबंधी बहस में हिंदी की भूमिका: मातृभाषा के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी से लेकर अमित शाह तक का योगदान

हिंदी सभी भारतीय भाषाओं में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। यह एक एकीकृत भाषा के रूप में कार्य कर सकती है और गैर-देसी ज़बानों की भूमिका को बदल सकती है।

हिन्दी केवल उत्तर भारत की नहीं: हिन्दी दिवस को हिन्दी बोलने वालों तक नहीं करें सीमित, न ही किया जाना चाहिए

हिन्दी का दायरा और महत्व केवल एक दिन तक सीमित नहीं किया जा सकता है और न ही किया जाना चाहिए। और हाँ, हिन्दी केवल उत्तर भारत की भाषा नहीं है।

बाबा नागार्जुन पर बाल यौन शोषण और हिंदी वालों की स्थिति… न उगलते बने, न निगलते

गुनगुन थानवी नामक किसी स्त्री ने जाने-माने जनवादी कवि बाबा नागार्जुन पर बाल यौन शोषण का अभियोग मढ़ दिया है। इस पूरे मामले में हिन्दी की राजनीति करने और उसे बेच-बेच खाने वालों की “कही त मैय मारल जै…” वाली दशा हो गई है।

‘कमल हासन राजनीति में बिना डायपर का बच्चा, पूरे राज्य में गंध मचा रखी है’

खुद तमिल होने के बावजूद स्वामी हिंदी-संस्कृत को भारत की आधिकारिक और राष्ट्रीय भाषाएँ बनाए जाने की वकालत करते रहे हैं। उनके मुताबिक भारत की राष्ट्रीय भाषा संस्कृत होनी चाहिए, जिसे शनैः-शनैः बढ़ावा दे कर आधिकारिक भाषा बनने की तरफ़ ले जाना चाहिए।

‘भाषाओं के परिवार में डायपर वाले बच्चे की तरह है हिंदी, इसे जबरदस्ती हमारे गले मत उतारो’

"भाषाओं के इस परिवार में सबसे छोटी भाषा हिंदी है। यह डायपर में एक छोटा बच्चा है। हमें इसका ध्यान रखना होगा। हिंदी- तमिल, संस्कृत और तेलुगु की तुलना में, यह अभी भी सबसे छोटी भाषा है। इसे जबरदस्ती हमारे गले मत उतारो।"

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