Sunday, December 22, 2024

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हिंदू मंदिर देश की धरोहर

चित्रकूट का पर्वत जो श्री राम के वरदान से बना कामदगिरि, यहाँ विराजमान कामतानाथ करते हैं भक्तों की हर इच्छा पूरी

भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान लगभग 11 वर्ष मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित चित्रकूट में गुजारे। चित्रकूट एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है...

सीढ़ियों पर चलने से संगीत की ध्वनि… आस्था और रहस्य का अद्भुत मेल: कुंभकोणम का 800 साल पुराना ऐरावतेश्वर मंदिर

‘द ग्रेट लिविंग टेंपल्स’ में से एक है ऐरावतेश्वर मंदिर। 12वीं शताब्दी में राजराजा चोल द्वितीय द्वारा बनवाया गया यह मंदिर तमिलनाडु के...

खीर भवानी माता मंदिर: शुभ-अशुभ से पहले बदल जाता है कुंड के जल का रंग, अनुच्छेद-370 पर दिया था खुशहाली का संकेत

हनुमान जी लंका से माता खीर भवानी की प्रतिमा को ले आए और उन्हें जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से 14 किमी दूर तुलमुल गाँव में स्थापित कर दिया।

दो समुद्री तटों और चार पहाड़ियों के बीच स्थित रायगढ़ का हरिहरेश्वर मंदिर, जहाँ विराजमान हैं पेशवाओं के कुलदेवता

अक्सर कालभैरव की प्रतिमा दक्षिण की ओर मुख किए हुए मिलती है लेकिन हरिहरेश्वर में स्थित मंदिर में कालभैरव की प्रतिमा उत्तरमुखी है।

जाखू मंदिर: जानिए क्यों पहुँचे थे हनुमान जी शिमला के जाखू पहाड़ पर, स्थापित है 108 फुट की प्रतिमा

यह विशालकाय प्रतिमा स्थित है जाखू मंदिर में जो समुद्र तल से 8040 फुट की ऊँचाई पर जाखू पहाड़ पर स्थित है।

विराजमान भगवान विष्णु, प्रसिद्धि माता पार्वती और भगवान शिव को लेकर: त्रियुगीनारायण मंदिर की कहानी

मान्यता है कि रुद्रप्रयाग का त्रियुगीनारायण मंदिर वह जगह है जहाँ भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।

भोपाल के पास भोजपुर का शिव मंदिर जो आज भी है अधूरा, कारण कोई नहीं जानता, विशालकाय शिवलिंग इसकी पहचान

मंदिर के अपूर्ण होने के पीछे कोई पुख्ता कारण नहीं है लेकिन ऐसी मान्यता है कि संभवतः मंदिर के निर्माण को लेकर कोई संकल्प रहा होगा और...

गुजरात का वह स्थान जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने मानव शरीर का किया था त्याग, एक बहेलिया ने मारा था उनके पैरों में बाण

भालका तीर्थ का वर्णन महाभारत, श्रीमदभागवत महापुराण, विष्णु पुराण और अन्य हिन्दू धर्म ग्रंथों में है। मंदिर में वह पीपल भी है, जिसके नीचे...

रंगनाथस्वामी मंदिर: भगवान को ले जा रहे थे लंका, कावेरी तट पर एक बार रखा तो दोबारा उठे नहीं, पूजा करने आते हैं विभीषण

जब विभीषण रंगनाथस्वामी को लेकर श्रीरंगम में कावेरी नदी के किनारे पहुँचे तो वहाँ उनकी दैनिक पूजा के लिए नीचे रखा लेकिन उठाना चाहा तो असफल रहे।

वो मंदिर जहाँ तुलसीदास को हनुमान जी ने दिए थे दर्शन, 2006 में जहाँ किया गया था आतंकी हमला: संकट मोचन मंदिर

वर्तमान संकट मोचन मंदिर के परिसर में जो पीपल का विशाल वृक्ष है, उसी के नीचे बैठकर तुलसीदास ने रामचरितमानस का एक बड़ा हिस्सा लिखा है।

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