Friday, November 15, 2024

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अमर्त्य सेन

जो फिरंगन कभी थी अमर्त्य सेन की गर्लफ्रेंड, उसके लिए भारत ‘भूखों का देश’: कहा – छीन लो बच्चा पैदा करने का अधिकार, आबादी...

पश्चिमी 'विद्वान' अपने श्वेतवादी सोच की वजह से भारत जैसे देशों की संप्रभुता व संस्कृति का सम्मान नहीं करते, आज भी अपना गुलाम समझते हैं।

विश्वभारती की जमीन पर कब्जा करने वालों में अमर्त्य सेन भी, कइयों ने लीज की जमीन बाहरियों को बेची

नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन का नाम ऐसे लोगों की सूची में है, जिन्होंने विश्वभारती विश्वविद्यालय की ज़मीन पर ग़ैरक़ानूनी कब्जा जमा रखा है।

‘जय श्री राम’ और ‘रामनवमी’ से पूरी तरह अनजान है ‘महान’ अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन

अमर्त्य सेन का कहना है कि ‘माँ दुर्गा’ बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं और अब बंगाल में जय श्री राम का इस्तेमाल लोगों को पीटने के लिए किया जा रहा है।

प्रिय अमर्त्य सेन जी, मजहबी नारा पढ़कर हत्या करने वालों पर आपके नोबल विचारों का सबको इंतजार है

आपकी औकात नहीं है किसी भी पब्लिक स्टेज पर यह बोलने की कि मजहबी नारे का प्रयोग आतंकी हमलों के लिए किया जाता है। पीटने के लिए उपयोग किए गए नारे में और काले झंडे पर लिख कर, अपने आत्मघाती हमले या टेरर अटैक के पहले लिखे पोस्ट या वीडियो में बोले जाने वाले नारे में ‘पीटने’ और ‘कई लोगों की जान ले लेने’ जितना का अंतर है।

UPA काल में विदेश में बैठ ₹5 लाख प्रति महीना पाने वाले अमर्त्य सेन और मनमोहन का काला रिश्ता

अमर्त्य सेन को तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति नियुक्त किया गया। उन्हें पाँच लाख रुपए प्रति महीने का वेतन दिया जाता था। बेहिसाब विदेशी दौरे, सीधी नियुक्तियाँ करने का अधिकार सहित उन्हें कई अन्य सुविधाओ से नवाजा गया था।

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