लाशों को समेटने के चक्कर में पुलिस वालों ने कई घायल कारसेवकों को भी वाहनों में लाद लिया था और जिन्दा ही सरयू नदी में फेंक दिया था। बकौल अभिषेक, उनके पिता को भी गंभीर अवस्था में घायल हालत में ही कई लाशों के बीच ट्रक में भर लिया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय सीताराम नाम बैंक के मैनेजर गोपाल दास जी महाराज ने बताया कि यहाँ 28 हजार से अधिक खातेदार हैं, जिन्होंने 'सीता राम' नाम की करोड़ों मुद्राएँ जमा कर रखी हैं।
महिला ने कहा, कहा, "बहन के हिसाब से हमलोग आए हैं सारा सामान लेकर, गृह प्रवेश है तो घर खाली होगा। नया घर बन रहा है तो उसमें भरने के लिए सामान लेकर आए हैं।"
अयोध्या जाते समय राम बहादुर ने अपनी पत्नी से कहा था, "मैं शायद न लौट पाऊँ। बच्चों का ध्यान रखना।" नम आँखों से काली सहाय ने कहा, "मेरे पिता के लिए पत्नी और बच्चों से कहीं अधिक प्रिय प्रभु श्रीराम थे।"
सरस्वती देवी की उम्र 85 साल है। वे झारखंड के धनबाद में रहती हैं। करीब 30 साल से मौन व्रत में हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने यह संकल्प लिया था।