"आजम खान ने लोकसभा सांसद होते हुए भी 'लाभ के पद' जौहर विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया है। इसलिए वह लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हैं और उन्हें लोकसभा से निलंबित किया जाना चाहिए।"
आजम खान ने राज्य सरकार पर आरोप भी लगाए। उनके अनुसार प्रदेश में उनको रास्ते से हटाने के लिए हर तरह की कोशिशें की गई हैं, उन पर आपराधिक इल्जाम मढ़े गए हैं और उनकी हत्या का प्रयास भी हुआ है।
लायोनेल बार्बर अपने समाचारपत्र फाइनेंशियल टाइम्स की ओर से भारत के आम चुनावों को कवर कर रहे हैं। इसी दौरान अपने एक दौरे पर, लिखते हुए उन्होंने जयाप्रदा पर आजम की टिप्पणी का उल्लेख किया और लिखा, "कोई बुरा कथन नहीं है, हालाँकि इसके लिए खान पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया।”
जयाप्रदा ने इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, “तय नहीं कर पा रही हूँ कि रोऊँ या हँसूँ, जैसा पिता वैसा पुत्र। अब्दुल्ला से यह उम्मीद नहीं थी। वह पढ़े-लिखे हैं। आपके पिता मुझे आम्रपाली कहते हैं, आप मुझे अनारकली कहते हैं; क्या यही समाज की औरतों को देखने का आपका नजरिया है?”
"आजम पापी है, उनका संहार होगा। जया प्रदा मेरी छाया की तरह हैं, इसलिए आजम खान को खुजली हो रही है। पार्टी का हर कार्यकर्ता जया प्रदा के लिए काम कर रहा है।"
आज़म ख़ान ने यह विवादित बयान विदिशा में दिया। मध्य प्रदेश के विदिशा में दिवंगत सांसद मुनव्वर सलीम के अंतिम क्रिया-कर्म से लौटते वक़्त आज़म ने ऐसा कहा। जया प्रदा के बारे में सवाल पूछने पर आज़म ख़ान भड़क गए। जया प्रदा ने भी आज़म ख़ान पर पलटवार किया है।
डीएम से जूता साफ़ करवाने वाले 'बेशरम' आज़म ख़ान को अपना तब का बयान याद करना चाहिए जब एक डीएसपी ने मायावती की जूती साफ़ की थी। वैसे, शून्य लोकसभा सीटों वाली माया की जूती साफ़ करने में तो आजकल पूरी समाजवादी पार्टी ही लगी हुई है। शायद अल्लाह की अब यही मर्जी है।
समाजवादी पार्टी ने इस बार कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन करने की बजाए बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन किया। 2014 में सपा और बसपा को केवल 5 और 0 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा ने देश में ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने के साथ-साथ यूपी की 71 सीटें जीती थीं।
उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि उर्दू गेट को गिराने के पीछे शासन-प्रशासन की साजिश थी। उस गेट का नाम उर्दू गेट था इसलिए उसे गिराया गया।