टोंक में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पाक पीएम इमरान ख़ान को आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने को कहा था। ख़ान ने प्रत्युत्तर में कहा है कि अगर भारत 'कार्रवाई करने योग्य' सबूत देता है तो वह उपयुक्त क़दम उठाएँगे।
जैसे-जैसे भारत एक-एक कर कड़े क़दम उठाते हुए पाकिस्तान को घेर रहा है- चाहे पहले पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन‘ का दर्जा वापस ले लेना हो या अब सरकार ने अपने हिस्से का रावी, ब्यास और सतलुज के पानी को पाकिस्तान को देने की बजाय उस से यमुना को सींचने की योजना या उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में घुटने टेकने को मजबूर करना।
कमल हासन को पिनाराई विजयन के बदले किसी अच्छे इतिहासकार से ट्यूशन लेने की ज़रूरत है। कश्मीर में जिस जनमत-संग्रह की वह बात कर रहे हैं, उसे कभी पाकिस्तान ने ही अस्वीकार कर दिया था।
पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों का बचाव करते हुए भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगला है। हमारी ये रिपोर्ट इमरान खान और पाकिस्तान के दोहरे रवैये को उजागर करती है।