नागरिकता कानून के नाम पर शुरू हुए दंगों ने दिल्ली को जलाया। और इसके पीछे ऐसे नाम थे, जिनके चलते हालात सुधर सकते थे लेकिन हालात सुधरना तो दूर इन लोगों की बातों के बाद स्थितियाँ और बदतर ही हुईं।
"हम वादा करते हैं। 24 फरवरी को जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आएँगे तो हम उनको बताएँगे कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री और यहाँ की सरकार देश को बाँटने का काम कर रही है । हम उन्हें बताएँगे कि हिंदुस्तान की जनता यहाँ की सरकार के ख़िलाफ़ लड़ रही है।"
भाजपा को धोखा देने के बाद शिवसेना से जनता ने उम्मीद की थी कि वे पार्टी की मूल विचारधारा यानी 'हिदुत्व' के साथ बेईमानी न करें। लेकिन अब आदित्य ठाकरे के ऐसे समारोह में शामिल होने की खबर देखकर लग रहा है कि शिवसेना अपनी मूल विचारधारा पर भी पानी फेरने को तैयार है।
"क्या मुसलमान, मुसलमान की तरह बोल सकता है?" - वायर के इस वीडियो में कमलेश तिवारी की हत्या को मुसलमानों के लिए 'परेशानी का सबब' बताया जाता है। क्यों? क्योंकि इस्लाम में पैगंबर माने जाने वाले मोहम्मद के खिलाफ...