Wednesday, November 6, 2024
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दिल्ली हिंदू विरोधी दंगा: कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI सहित कई अन्य संस्थाओं और ‘स्टूडेंट एक्टिविस्ट’ का हाथ, पुलिस जाँच में खुलासा

दिल्ली पुलिस के अनुसार, 9 आरोपितों ने स्थानीय नेताओं से महिलाओं और बच्चों को जुटाने के लिए और "विरोध प्रदर्शन की व्यवस्था" पर भी चर्चा की थी। एक सूत्र पुलिस अधिकारी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, "इन सभी को जोड़ने वाला एक सामान्य सूत्र है।"

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों जैसे पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI), जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (JCC) पिंजरा तोड़ और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) से जुड़ी ‘स्टूडेंट एक्टिविस्ट्स’ की भूमिका के लिए जाँच कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा इस मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए 9 लोगों के व्हाट्सएप चैट, भाषणों और कथित तौर पर पीएफआई और विदेशों से प्राप्त धन की जाँच कर रही है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, 9 आरोपितों ने स्थानीय नेताओं से महिलाओं और बच्चों को जुटाने के लिए और “विरोध प्रदर्शन की व्यवस्था” पर भी चर्चा की थी। एक सूत्र पुलिस अधिकारी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, “इन सभी को जोड़ने वाला एक सामान्य सूत्र है।”

सोमवार को एक ट्वीट में, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों से संबंधित मामलों की जाँच करते हुए अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता पर जोर दिया है। उन्होंने आगे स्पष्ट किया है कि 9 लोगों की गिरफ्तारी सोच-विचार कर, तकनीकी और फोरेंसिक सबूतों के आधार पर की गई थी। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया कि “निहित स्वार्थों” से प्रेरित दुर्भावनापूर्ण अभियान के बावजूद, निर्दोष पीड़ितों को न्याय मिलेगा।

इससे पहले भी जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद पर दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी के दो अन्य नेताओं, मीरान हैदर और सफ़ुरा ज़रगर के खिलाफ एक ही अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए जाने के बाद दोनों अब न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस ने एफ.आई.आर में यह दावा किया गया है कि सांप्रदायिक हिंसा में खालिद और अन्य लोगों द्वारा एक “पूर्व नियोजित साजिश” थी।

इन सभी ‘एक्टिविस्ट्स’ पर देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और दंगा करने के आरोप में भी मामला दर्ज किया गया है। एफ.आई.आर में कहा गया है कि उमर खालिद ने दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिया था और भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले के बारे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर झूठा प्रचार प्रसार करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरने और सड़कों को जाम करने के लिए नागरिकों से अपील की थी। एफ.आई.आर में यह भी दावा किया गया है कि इस साजिश में कई घरों में आग्नेयास्त्र (firearms), पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर जमा किए गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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