दीपिका पादुकोण ने फ़िल्म में एसिड अटैक सर्वाइवर का महज़ किरदार निभाया जबकि रंगोली चंदेल पर हक़ीक़त में तेज़ाब से हमला हुआ था। उन्होंने वास्तव में उस दर्दनाक पीड़ा को सहा है। लेकिन वामपंथी गिरोह के अतुल खत्री को मतलब सिर्फ दक्षिणपंथी घृणा से है। तभी तो वो फिल्म को सराहते हैं जबकि चंदेल को चांडाल बोल कर...
वो बचपन से ही गायक बनने के सपने देखती थी। लेकिन, एक मनहूस घड़ी उस पर नईम की नजर पड़ी। शादी का प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद नईम ने 10 महीने तक पीछा किया। फिर एक दिन...
आरिफ, शाहनवाज, शरीफ और आबिद - ये 4 लोग वो हैं, जो पहले 30 साल की महिला से रेप करते हैं। पीड़ित महिला जब पुलिस-कोर्ट में मामला दर्ज करती है तो फिर उसी महिला के घर में घुसकर उनके ऊपर एसिड फेंकते हैं।
तीनों भाइयों ने अपने गुनाह को मान लिया है। इन्होंने बताया है कि उनकी बहन एक गैर-मुस्लिम और शादीशुदा व्यक्ति के साथ संबंध में थी। परिवार इस रिश्ते के ख़िलाफ़ था। इन लोगों ने सलमा को कई बार उस आदमी से दूर रहने के लिए कहा लेकिन...
गैर-मुस्लिम मर्द के साथ प्रेम करना सलमा को बहुत भारी पड़ा। अपने ही दो भाइयों के जान से मारने की कोशिश (गला घोंटने और एसिड डालने) के बाद वो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल तो रही है लेकिन बार-बार अपनी अम्मी (माँ) को खोज रही है। वो उस माँ को खोज रही है, जो अस्पताल में अपनी तड़पती बेटी को छोड़कर अचानक से भाग गई।
धातु गलाने के लिए सर्राफ़ा व्यापारी क्या करेंगे यह वही लोग जानें। स्कूलों की लैब में अगर एसिड नहीं उपलब्ध रहेगा तो हमें यह परिस्थितियाँ भी स्वीकार्य हैं। लेकिन हम धातु गलाने के एवज में अपनी बच्चियों की देह नहीं गला सकते! नहीं मतलब नहीं।