पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने आरोप लगाया कि हरियाणा में बतौर कॉन्ग्रेस प्रभारी काम करते हुए गुलाम नबी आजाद ने राज्य में पार्टी का बेड़ा गर्क कर दिया।
एकजुट जम्मू नामक संगठन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इसके मुताबिक जम्मू में सुनियोजित तरीके से लैंड जिहाद को अंजाम दिया गया और अपने ही इलाकों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए। फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद की छत्रछाया में इसे अंजाम दिया गया।
"इस तरह के मामले में, ऐसी आशंका क्यों नहीं हो सकती कि पूरा क्षेत्र या स्थान अशांत हो सकता है?" इस पर सिब्बल ने तर्क दिया कि अधिकारियों द्वारा संचार और परिवहन व्यवस्था समेत अनेक पाबंदियाँ लगाना अधिकारियों का बेजा इस्तेमाल था।
1 नवंबर को जम्मू-कश्मीर रीआर्गेनाईजेशन बिल के लागू होते ही इन कश्मीरी नेताओं को मिल रही सारी सरकारी सुख-सुविधाएँ अपने-आप हट जाएँगी। उमर अब्दुल्ला के बंगले में तो अत्याधुनिक जिम सहित कई अन्य सुविधाओं पर करोड़ों ख़र्च किए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में स्थिति को क़ाबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर रखी है। घाटी में माहौल ख़राब करने की आशंका के चलते कई नेताओं को नज़रबंद भी किया गया है। हालाँकि, जम्मू-कश्मीर में अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के 100 से अधिक नेता व अलगाववादी पहले से ही नजरबन्द किए जा चुके हैं ताकि जनता को भड़काने की कोई भी कोशिश सफल न हो सके। आशंका जताई गई है कि गुलाम नबी आजाद के पहुँचने के बाद विपक्षी नेता जनता को उकसा सकते हैं।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद का यह मानना है कि एनएसए डोभाल से बातचीत करने के लिए कश्मीरियों को रुपए दिए गए। ट्विटर पर लोगों ने आजाद से पूछा की क्या कश्मीरी जनता बिकाऊ है? लोगों ने इसे न सिर्फ़ डोभाल बल्कि कश्मीर के लोगों का भी अपमान बताया।