Friday, May 23, 2025
Homeराजनीतिमाहौल अशांत करने की आशंका में श्रीनगर पहुँचते ही उलटे पाँव लौटाए गए ग़ुलाम...

माहौल अशांत करने की आशंका में श्रीनगर पहुँचते ही उलटे पाँव लौटाए गए ग़ुलाम नबी आज़ाद

गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार के इस दावे का भी खंडन किया है कि जम्मू कश्मीर में माहौल शांतिपूर्ण है। सरकार सुरक्षा को लेकर काफ़ी गंभीर है और जनता को विरोध प्रदर्शन करने के लिए उकसाने की हर एक सम्भावना पर विराम लगाने के लिए सुरक्षा बल भी चुस्त-दुरुस्त हैं। ऐसे में देखना होगा कि वापस दिल्ली लौटने पर गुलाम नबी आजाद की क्या प्रतिक्रिया रहती है?

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद आज गुरुवार (जुलाई 8, 2019) को श्रीनगर पहुँचे लेकिन उन्हें अगली ही फ्लाइट से वापस भेज दिया गया। बता दें कि जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त करने के विरोध में आजाद काफ़ी मुखर रहे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भाषण देते हुए उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और मीडिया से बात करते हुए सरकार के इस निर्णय का विरोध किया था। एनएसए अजीत डोभाल द्वारा कश्मीरियों से संवाद करने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए उन्हें रुपए दिए गए

गुलाम नबी आजाद के साथ जम्मू कश्मीर कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी मौजूद थे। दोनों ही नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। जम्मू कश्मीर के 100 से अधिक नेता व अलगाववादी पहले से ही नजरबन्द किए जा चुके हैं ताकि जनता को भड़काने की कोई भी कोशिश सफल न हो सके। आशंका जताई गई है कि गुलाम नबी आजाद के पहुँचने के बाद विपक्षी नेता जनता को उकसा सकते हैं, जिसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।

गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार के इस दावे का भी खंडन किया है कि जम्मू कश्मीर में माहौल शांतिपूर्ण है। सरकार सुरक्षा को लेकर काफ़ी गंभीर है और जनता को विरोध प्रदर्शन करने के लिए उकसाने की हर एक सम्भावना पर विराम लगाने के लिए सुरक्षा बल भी चुस्त-दुरुस्त हैं। ऐसे में देखना होगा कि वापस दिल्ली लौटने पर गुलाम नबी आजाद की क्या प्रतिक्रिया रहती है?

ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित के कई बड़े नेता अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। महाराजा हरि सिंह के पूर्व व कॉन्ग्रेस नेता कर्ण सिंह ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है। जम्मू कश्मीर के सदर-ए-रियासत रह चुके कर्ण सिंह राज्य के प्रथम राज्यपाल भी रह चुके हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई अहम विभाग संभाल चुके सिंह का बयान के लिए एक और झटका है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पीलीभीत में 500 ने की घर वापसी, नेपाल से आकर पादरियों ने बना दिया था ईसाई: VHP ने बॉर्डर पर डाला डेरा, DM ने...

विहिप ने इन गाँवों में दो दिन तक कैंप लगाकर लोगों को सिख धर्म में वापस लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

तुफैल को नचा रही थी पाकिस्तानी अफसर की बीवी, कबाड़ी हारून ने पाकिस्तान में रख रखी थी दूसरी बीवी: ज्ञानवापी से नमो घाट तक...

हारून ने बताया है कि पाकिस्तान में उसका दूसरा निकाह हुआ है और वह अपनी बीवी से मिलने के लिए वहाँ जाता रहा है।
- विज्ञापन -