जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले से शुरू हुई मुठभेड़ चार अलग-अलग जगहों पर पिछले 24 घंटों से जारी है। बांदीपोरा में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी मारे गए हैं, जिसमें लश्कर का टॉप कमांडर अली भाई भी शामिल है।
इससे पहले बीते गुरुवार को पुलवामा में आतंकियों ने 40 वर्षीय एक व्यक्ति को जबरन उसके घर से निकालकर गोली मार दी थी। वहीं, बुधवार को पुलवामा में ही आतंकियों ने सेना के एक पूर्व जवान की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एक ऐसा व्यापारी जिसके बारे में 1990 में ही सरकार को पता चल गया था कि वह आतंकियों का वित्तीय पोषण करता है लेकिन उसे बार-बार गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया गया। आज 30 वर्षों बाद वही घाव अब नासूर बन चुका है।
शौकत अली कश्मीरी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना कश्मीरियों को इस बात के लिए उकसा रही है कि अब वे हलके-फुल्के हथियारों का प्रयोग न कर के भारत के ख़िलाफ़ आत्मघाती हमलों को अंजाम दें। ऐसा पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड जनरलों द्वारा खुलेआम प्रचारित किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने मीरवाइज़ उमर फ़ारुक़ के इस रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि क्या वह अपने-आप को क़ानून से ऊपर मानता है? हुर्रियत के प्रवक्ता ने कहा कि मीरवाइज़ एनआईए के समक्ष पेश नहीं होंगे।
मुदस्सिर फ़रवरी 2018 में सुंजवाँ में हुए आतंकी हमले में भी शामिल था। उस हमले में 6 सुरक्षा बल के जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। जनवरी 2018 में लेथपुरा सीआरपीएफ कैम्प पर हुए हमले में भी उसका हाथ था। उस हमले में सीआरपीएफ के 5 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार शाम पुंछ के बालाकोट इलाके में नियंत्रण रेखा के बाड़ गेट को पार करने का प्रयास करते हुए गाँव डब्बी निवासी मोहम्मद ज़फर ख़ान को पकड़ा गया था।
खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाए गए इनपुट के मुताबिक, दो भारी हथियारों से लैस पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह एलओसी के पास राजौरी जिले से भारत में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे थे।
गालिब ने कहा कि वह भारतीय होने में गर्व कैसे कर सकता है? भारत की सरकार ने न केवल उसके पिता की हत्या की बल्कि कश्मीर के साथ भी अन्याय भी किया। गालिब ने स्पष्ट किया कि उसने पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए प्रोपेगेंडा के तहत टाइम्स ऑफ इंडिया को बाइट दिया।