सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है कि FIR में नामजद लोग मौक़े पर मौजूद ही नहीं थे। इस नोट में साफ-साफ लिखा है कि नारा लगवाने की बात प्रकाश में नहीं आई। इसका मतलब है कि जिस आधार पर उन चार लोगों को दोषी ठहराने की कोशिश की गई, वो झूठ था, उन्हें ‘जय श्री राम’ के नारे के नाम पर बेवजह इस मामले में घसीटा गया।
ADG कानून व्यस्था उन्नाव ने इस क्रिकेट खेलने को लेकर दो पक्षों में हुई मारपीट की घटना को लेकर बताया कि इस मामले की जाँच में पता चला है कि मदरसे के बच्चों से धार्मिक नारे नहीं लगवाए गए थे। ऐसे झूठे आरोप लगाकर मेरठ और आगरा में भी शांति भंग करने का प्रयास किया गया लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन के चलते ये नाकाम हो गए।
"मेरे बेटे आर्यन का एक दोस्त है आकाश। दोनों पहली कक्षा के छात्र हैं। दो क्लास के बीच खाली पीरियड में आकाश ने मेरे बेटे को जय श्री राम बोलने के लिए बोला तो उसने बोल दिया। लेकिन उसी समय पास से गुजर रहे एक शिक्षक ने यह सुन लिया और उसने मेरे बेटे की पिटाई कर दी।"
स्थानीय गुंडों ने स्कूल में ज़बरदस्ती घुसकर ‘जय श्री राम’ बोलने वाले छात्रों की लाठी-डंडों से पिटाई शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले से स्कूल में अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया और चारों तरफ़ से चीखों की आवाज़ आने लगीं। सूचना पाकर विष्णुपुर थाने की पुलिस मौक़े पर पहुँची लेकिन...
भाजपा के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गृह मंत्री के पद से तत्काल इस्तीफा देने की माँग करते हुए कहा कि वह राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह नाकाम हो गई हैं।