Sunday, December 22, 2024

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‘अमित शाह दुनिया छोड़ो’: मजहबी नारों और हिंसा के बाद जामिया में मोदी को हिटलर बताते स्लोगन

हिंसक प्रदर्शन का ठीकरा जामिया प्रशासन ने 'बाहरी' लोगों के सिर फोड़ा हो, लेकिन कैंपस की दीवारों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ ख़ूब ज़हर उगला गया है।

कौन हैं वे ‘बाहरी’ जिनके हाथों में खेले जामिया के छात्र: लगाए मजहबी नारे, किया बलवा

हिंसक प्रदर्शन को लेकर जामिया प्रशासन ने कहा है कि इसमें शामिल ज्यादातर लोग बाहरी थे। उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी के आसपास के इलाकों में समुदाय विशेष के लोगों की घनी आबादी है। तो क्या इस प्रदर्शन के पीछे कोई साजिश रची गई थी?

जामिया में मजहबी नारे ‘नारा-ए-तकबीर’, ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ क्यों लग रहे? विरोध तो सरकार का है न?

संविधान में आस्था है तो पुलिस पर पत्थरबाज़ी कैसे कर लेते हो? वो इसलिए कि तुम्हें पता है कि वो 'उम्माह' तुम्हारी खातिर जहाँ कहीं भी है, उठ खड़ा होगा और बोलेगा। अगर ये प्रदर्शन सिर्फ नागरिकता कानून को ले कर होता, और तुम सिर्फ विद्यार्थी होते तो इस प्रकरण में न तो पत्थर आता, न ही अल्लाह!

जामिया में लगे अल्लाहु अकबर, ला इलाहा इल्लल्लाह के नारे: CAB के खिलाफ प्रदर्शन ऐसे हुआ हिंसक

तेरा मेरा रिश्ता क्या-ला इलाहा इल्लल्लाह, ये शहर जगमगाएगा- नूर-ए-इलाहा से। वैसे ही नारे जैसे कश्मीर में पाकिस्तान के समर्थन में आतंकी लगाते हैं। जामिया में प्रदर्शन के दौरान पुलिस को उकसाने के किए गए तमाम जतन। कहा- पुलिस बचकर जाने न पाए। उसे छोड़े ना।

CAB विरोध के बहाने पत्थरबाजी पर उतरे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र, दो पुलिस वाले ICU में

हमलावर विशेष तौर पर ज़ी न्यूज़ के पत्रकारों पर हमले की फ़िराक में थे। ऐसे में यह भी नहीं माना जा सकता कि यह 'गुस्सा' क्षणिक, स्वःस्फूर्त था।

CAB के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने किया उग्र प्रदर्शन: पुलिस ने टाँग कर सड़क से हटाया

नागरिकता संशोधन बिल में प्रावधान है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध एवं पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।

‘अल्लाह का कानून सबसे ऊपर, रामराज्य शिर्क, जामिया के छात्रों ने अयोध्या के फैसले को बताया मजाक’

इसमें कहा कि रामराज्य कुछ और नहीं बल्कि शिर्क (अत्याचारी, गैर मजहबी) का झंडा और बाबरी विध्वंस तौहीद अर्थात न्याय के झंडे के पतन के अलावा और कुछ नहीं है।

जामिया में वामपंथियों ने लहराया फिलिस्तीन का झंडा: यूनिवर्सिटी ने कहा- इज़राइली कैम्पस में होंगे प्रतिबंधित

वामपंथियों में ही इस प्रदर्शन को लेकर मतभेद था। प्रदर्शनकारियों में से कई फिलिस्तीन के झंडे के खिलाफ थे क्योंकि यह अतिरेक था।

JMI को मिली पहली महिला कुलपति: दिल्ली में किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी पहली

नई दिल्ली स्थित एनआईईपीए में प्रोफेसर नजमा अख्तर को 5 साल के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया का कुलपति नियुक्त किया है।

जामिया का इंजीनियरिंग छात्र 3 देसी पिस्तौल के साथ गिरफ़्तार, व्यापारी को लूटने की थी योजना

अमन ख़ान को व्यापारी द्वारा भारी मात्रा में नकदी ले जाने की ख़बर मिली थी। जिसके बाद उसने दोस्तों के साथ मिलकर व्यापारी को लूटने की योजना बनाई

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