सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए दिल्ली पुलिस को एक सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी। हालाँकि, अदालत ने कोई तारीख तय नहीं की है।
लॉकडाउन के बीच ये छात्र विश्वविद्यालय परिसर से बाहर जाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन जब उसे सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोका गया, तो वह वहीं बैठ गया और सुरक्षाकर्मियों से जिरह करने लगा।
दरअसल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सुबनसर हॉस्टल के नजदीक एक सड़क का नाम बदलकर वीर सावरकर मार्ग कर दिया गया था। इसे देखने के बाद जेएनयू के वामपंथी छात्र काफी नाराज हुए थे। वामपंथी छात्रों के संघ ने इस कदम को शर्मनाक कहा था। साथ ही सावरकर के नाम पर मार्ग का नाम रखे जाने की निंदा की थी।