केंद्रीय जाँच एजेंसी को लिखे गए अपने पत्र में राजपूत के परिवार ने पैनल और एम्स फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता पर निशाना साधते हुए मीडिया में रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगाया।
सीबीआई की टीम सुशांत के फ्लैट पर क्राइम सीन को दोबारा रीक्रिएट कर रही है। ताकि घटनास्थल की जाँच व तमाम जानकारी कंफर्म हो सके और हत्या और आत्महत्या दोनों पहलुओं पर जाँच की जा सके। फ्लैट पर बेडरूम में डमी टेस्ट भी किया गया।
डॉ.राय ने अगस्त 2019 में बाबा रामदेव के सहयोगी को कांफीडेंशियल मेडिकल रिपोर्ट प्रकाशित कर गलत तरीके से फँसाने की थी। उन्होंने रामदेव के सहयोगी आचार्य बालगोविंद की झूठी रिपोर्ट को प्रकाशित किया था।
पीआईबी ने CNN न्यूज 18 के पत्रकार रुनझुन शर्मा के दावे को खारिज करते हुए कहा कि एम्स के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को दिए गए उपकरणों की गुणवत्ता स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करती है। जिनका मूल्यांकन स्वयं एम्स समिति द्वारा प्रमाणित किया गया है।
"मैं 20 साल से स्वास्थ्य विभाग में पूरी मेहनत के साथ काम कर रहा हूँ। मार्च के महीने में मेरी सैलरी 50 फ़ीसदी कटी और अभी तक अप्रैल की सैलरी तक नहीं मिली है।"