The Quint ने दावा किया कि वह अपने एम्प्लॉई को अनिश्चितकाल के लिए अवैतनिक अवकाश पर भेज कर खुश नहीं है, और वह अपने इन एम्प्लॉई की हमेशा शुक्रगुजार रहेगी। The Quint के अलावा दूसरे मीडिया संगठनों से भी कोरोना वायरस के चलते फरलो और नौकरी से निकाले जाने की खबरें आ रहीं हैं
जब 50 करोड़ हिन्दुओं को कोरोना से खत्म करने की दुआ करता मौलवी गिरफ्तार होता है, या फिर TikTok पर युवक इसे अल्लाह का कहर बताते नजर आते हैं, तो लोगों की जिज्ञासा एक बार के लिए मुस्लिम समुदाय पर सवाल खड़े जरूर कर देती है। ऑल्ट न्यूज़ जैसे फैक्ट चेकर्स के कंधे पर बंदूक रखकर दक्षिणपंथियों के दावों को खारिज करने का दावा करने वाला ध्रुव राठी यहाँ पर एक बार फिर सस्ती लोकप्रियता जुगाड़ते व्यक्ति से ज्यादा कुछ भी नजर नहीं आते।
मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए क्विंट ने गिरधर ज्ञानी को डॉक्टर बताया। टास्क फ़ोर्स का संयोजक तक बता डाला। जबकि वे ना मेडिकल प्रैक्टिस करते हैं और ना कोई महामारी विशेषज्ञ हैं। यहॉं तक कि ऐसा कोई टास्क फोर्स भी नहीं है जिसका वामपंथी वेबसाइट ने दावा किया।
अमूल्या लियोना का पक्षधर बनकर 'द क्विंट' ने एक फैक्ट चेक किया है। जिसमें बताया है कि किस तरह ट्विटर पर लोग इस पुराने वीडियो को शेयर कर रहे हैं और यूजर्स में भ्रम की स्थिति फैला रहे हैं। जबकि स्पष्ट है कि यहाँ भ्रम की स्थिति नहीं फैलाई जा रही?
द क्विंट के चार पत्रकारों को रामनाथ गोयनका अवॉर्ड दिया गया। जिसमें से एक यौन शोषण का आरोपित है, तो दूसरी के खिलाफ सेना के एक जवान को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आरोप लगा था।
फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने दी क्विंट के इस प्रोपेगैंडा को ध्वस्त करते हुए वेबसाइट को चैलेंज भी किया था कि वह साबित करें कि यह एक फेक और सोची समझी घृणा फैलाने के मकसद से जारी किया गया स्क्रिप्टेड वीडियो नहीं है या फिर इसे डिलीट कर दें।
अग्निहोत्री ने बताया कि 'द क्विंट' ने इस पूरे ड्रामे की साज़िश पहले ही रच ली थी। अर्थात, एक स्क्रिप्ट तैयार कर के एक जूनियर आर्टिस्ट को कैब ड्राइवर बनाकर NRC के नाम पर उससे अभिनय करवाया गया और दर्शकों को इसे सच बता कर परोस दिया गया। ये सब कुछ एक ड्रामा है।
जहाँ पूरा देश डॉक्टर रेड्डी के साथ हुई जघन्यता के लिए इंसाफ की माँग कर रहा है, 'द क्विंट' इस बात को लेकर चिंतित है कि अब मुख्य आरोपित मोहम्मद आरिफ के जेल जाने के बाद मुख्य अभियुक्त आरिफ के परिवार का गुजारा कैसे होगा? पूरी रिपोर्ट में उसे 'बेचारा' साबित करने की कोशिश की गई है।
तानाजी का ट्रेलर जैसे ही रिलीज हुआ... क्विंट ने इस पर एक लेख लिख मारा। माफ कीजिए, लेख नहीं - जहर लिखा है, जहर! 'लिबरल' नेहरू से लेकर 'मसकुलर' मोदी तक को ठूँस दिया है इसमें। अकबर इनके लिए 'द ग्रेट' हो जाता है लेकिन शिवाजी पर इनकी सुलग जाती है!
मेरे खुद के मुस्लिम और 'सेक्युलर' थियेटर वाले दोस्त सोशल मीडिया पर वे आर्टिकल भेज रहे हैं, जिनमें मुझे झूठा बताया गया है। वे मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने झूठ क्यों बोला। और यह सब इसलिए हुआ क्योंकि क्विंट ने मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।