मृतक की पहचान आनंद पाल के तौर पर हुई है। आनंद मंगलवार (जून 18, 2019) को नाटाबाड़ी इलाके में एक सुनसान जगह पर मृत पाया गया। भाजपा ने इस हत्या का आरोप सीधे सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगाया है।
शिक्षकों की माँग है कि उनका वेतन बढ़ाया जाए क्योंकि उन्हें काफ़ी कम रूपए मिल रहे हैं। पुलिस ने जब शिक्षकों को मयूख भवन द्वीप पर जाने से रोक दिया, तब शिक्षकों ने बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस ने जब उन्हें रोका तो दोनों में भिड़ंत हो गई।
ममता बनर्जी ने सरकारी अस्पतालों में शिकायत निवारण सेल का निर्माण करने के डॉक्टरों के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ममता ने पश्चिम बंगाल के हर अस्पताल में नोडल पुलिस ऑफिसर तैनात करने का निर्देश दिया है।
टीएमसी विधायक सुनील सिंह ने कहा, “पश्चिम बंगाल की जनता सबका साथ सबका विकास चाहती है। दिल्ली में मोदी जी की सरकार है और हम चाहते हैं कि यही सरकार प्रदेश में भी बने। ताकि हम पश्चिम बंगाल का विकास कर सकें।”
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि भले ही बंगाल में हड़ताल खत्म हो जाए, लेकिन वह डॉक्टरों की सुरक्षा की माँग के लिए सोमवार को देशभर में हड़ताल करेंगे। उनकी ये हड़ताल सेंट्रल एक्ट को लेकर होगी।
इससे पहले डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय में बनर्जी के साथ बैठक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और इसकी बजाय उनसे गतिरोध सुलझाने को लेकर खुली चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने को कहा था।
"जूनियर डॉक्टरों ने अपनी ओर से भरसक प्रयास किया, हमारी सहायता करने की पूरी कोशिश की, वह रो रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें अंदर नहीं आने दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को भी चार बार फ़ोन किया लेकिन किसी ने फ़ोन नहीं उठाया।"
यह इकोसिस्टम कुतर्क में उस्ताद है। बंगाल की हर हिंसा में तृणमूल के साथ बराबर का भागीदार भाजपा को बना देता है। सांप्रदायिकता में भी यही रवैया अपनाता है।
कानून के अंतर्गत डॉक्टरों के साथ मारपीट या फिर उनके ऊपर हमला करने की घटना संगीन अपराध की श्रेणी में आ सकता है और इस अपराध के लिए दोषियों को कम से कम 12 वर्ष तक की सजा मिल सकती है। इसके साथ ही इस कानून को गैर-जमानती रखने पर भी विचार किया जा रहा है।