इमरान खान का ये बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान पर मोदी सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में अमेरिकी सचिव माइकल आर पोम्पिओ ने भी भारत में हुए पुलवामा हमले को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दूसरी बार भारत में आतंकी हमला हुआ तो पाकिस्तान के लिए काफी दिक्कत हो सकती है।
पित्रोदा को पुलवामा हमले के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, बावजूद इसके उनका कहना है कि हमले के बाद हमने जो रिएक्ट किया और कुछ जहाज़ भेज दिए वो सही तरीक़ा नहीं था।
CPEC के बुनियादी ढांचे पर चीन ने बहुत बड़ा निवेश किया है। इस निवेश की आड़ में चीन, पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी (ISI) और जैश को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसके बदले में उसे अपने प्रोजेक्ट में किसी भी तरह के आतंकवादी हमला न होने की गारंटी मिलती है।
आतंकवादी बुरहान वानी के प्रति उसके नाम की वजह से सहानुभूति रखकर उसे एक हेडमास्टर का बेटा बताने वाली बरखा दत्त कल से एक क्रांतिकारी अभियान पर हैं। बरखा दत्त किसी भी शर्त पर चाहती हैं कि आरोपित ब्रेनटेन टैरेंट को आतंकवादी घोषित किया जाए।
सत्य यही है कि बंदूक लेकर टहलने वाले किसी भी बाप, बेटे, दामाद या जीजा को सिर्फ इसलिए जस्टिफाय नहीं किया जा सकता क्योंकि उसकी बिटिया आठ साल की है जिसे सफ़ेद कबूतरों का उड़ना देखना अच्छा लगता है।
फ्रांस उन देशों में से एक है जिसने मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने का प्रस्ताव रखा था। पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNNC) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में चीन ने चौथी बार अड़ंगा लगा दिया था।
आतंकियों को साथ देने और UNSC में उनके पक्ष में खड़े होने को लेकर अमेरिका पहली बार खुल कर चीन के खिलाफ आ गया है। वैश्विक स्तर पर चीन का अलग-थलग पड़ जाना भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा सकती है।
बानगियों की कमी नहीं है यह जानने के लिए कि आखिर एक सेक्युलर समाज में ऐसी क्या कमी है जो अलगाववादियों को वह मंज़ूर नहीं, और जिससे कश्मीर को आज़ाद कराने के लिए बुरहान वानी और आदिल डार ने जान लेने और देने में कोई संकोच नहीं किया।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, जिसने 14 फ़रवरी को CRPF के क़ाफ़िले में एक बस के आगे अपने विस्फोटक से भरे वाहन को उड़ा दिया था, वो आतंकवादी ख़ान के साथ लगातार संपर्क में था।