Sunday, April 28, 2024

विषय

पुस्तक समीक्षा

सहज भाषा में पठनीय व्यंग्यबाणों से लैस है ‘गंजहों की गोष्ठी’

85 पृष्ठों की पुस्तक "गंजहों की गोष्ठी" में कुल 20 व्यंग्यबाण (लेख) हैं। हर लेख एक मनके के समान है जो अद्वितीय है

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe