एक यूजर ने प्रियंका चोपड़ा से पूछा, सुट्टा पीने में दिक्कत नहीं होती, पॉल्यूशन से परेशानी है। वहीं, किसी ने उन्हें उनके पोस्ट पर दोगला कहा, तो किसी ने पूछा कि उन पटाखों का क्या, जो उन्होंने अपनी शादी में दगवाए?
प्रदूषित हवा में साँस लेने से बचने के लिए अच्छे क्वालिटी का मास्क लेना बेहद जरूरी है, ताकि आप 'विषपान' की स्थिति वाले दिल्ली-एनसीआर में अपनी सेहत का ख्याल रख सकें।
गाजीपुर का लैंडफिल साइट साल 1984 में शुरू किया गया था। इसकी क्षमता 2002 में ही पूरी हो गई थी। लेकिन, अभी भी शहर का मलबा सैकड़ों ट्रकों के जरिए यहाँ डाला जा रहा है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि हर दिन लगभग 2 टन कचरा डाला जाता है।
दिल्ली जैसे राज्यों में अंग्रेजों के दौर से ही गाय पालने पर पाबंदियाँ हैं। आस-पड़ोस के राज्यों से जब पशु घटे और खेत में पुआल जलने लगा तो धुआं दिल्ली तक भी पहुँचने लगा। अब साँस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो परेशानी की जड़ में भी जाने की सोचिएगा कामरेड।
मीडिया रिपोर्टों में इस फैसले से मंदी गहराने की आशंकता जताई गई थी। सरकार ने बताया है कि 11 सितंबर को मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने के लिए नहीं, बल्कि जागरूकता बढ़ाने और जनांदोलन के ज़रिए इसका इस्तेमाल बंद करने का है।
सीधे नदी की सफ़ाई करने से पहले उसमें करोड़ों लीटर गिरते हुए कचड़े को रोकना, उसे दूसरी तरफ़ मोड़ना, उसे रसायनों एवं अन्य तरीकों से ट्रीट करना सबसे पहला कदम था जिसका परिणाम इन तस्वीरों में दिख रहा है।