पीड़ित परिवार को लगातार केस वापस लेने की धमकी मिल रही है। मीना (बदला हुआ नाम) की माँ ममता सिंह ने बताया कि उनके परिवार पर केस दर्ज न करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। फ़िलहाल, गाँव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
हमले में पाँच लोग तीर लगने से घायल हो गए। मो. फजीर और मो. शमशाद को सीने में तीर लगे। पाँचों को पहले तो सदर अस्पताल ले जाया गया लेकिन बाद में उन्हें एमजीएम मेडिकल कॉलेज खुद सिविल सर्जन ले गए।
"कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पे फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुदंर फ़ोटो आते??...अपने कर्म धर्म में हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते हैं???"
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस में एक अज्ञात "तोंद वाले अंकल नेताजी" और एक "मूछ वाले अंकल जी" की भूमिका सामने आई है। पीड़ित बच्चियों ने इन दोनों ही अज्ञात 'अंकलों' पर उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। CBI ने जाँच के लिए 6 महीने का समय माँगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने का अल्टीमेटम दिया है।
कुल 8 नए मंत्री बनाए गए, जिनमें लोजपा के पशुपति कुमार पारस के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई जगह भी शामिल है, लेकिन भाजपा के अलावा लोजपा के भी किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया।
सोमवार (मई 27, 2019) को मीडिया से बात करते हुए महेश्वर यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राजद परिवारवाद के चक्कर में उलझी हुई है। इसी वजह से पार्टी की इतनी दुर्गति हुई।
नीतीश कुमार की जदयू ने इस लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से उसे 16 पर जीत मिली। बिहार में राजग ने एक तरह से महागठबंधन का सफाया ही कर दिया। रालोसपा की स्थापना उपेंद्र कुशवाहा ने 2013 में जदयू से अलग होने के बाद की थी।
पूरे बिहार की बात करें, तो नोटा का बटन सर्वाधिक गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र में 51,660 मतदाताओं ने दबाया, जो देश में सबसे ज्यादा है। इस सीट पर जदयू के अजय कुमार सुमन को जीत मिली, जिन्होंने राजद उम्मीदवार सुरेंद्र राम को 2.86 लाख वोटों से शिकस्त दी।
एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के हिंसा भड़काने वाले विवादास्पद बयान की जाँच हो रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस कुशवाहा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और अगर इस बयान से किसी तरह की हिंसा हुई, तो इसके जिम्मेदार उपेंद्र कुशवाहा होंगे।
एग्जिट पोल को ‘गप’ करार देने से शुरू हुआ विपक्ष का स्तर अब खुलेआम हिंसा करने और खून बहाने तक आ गया है। उपेंद्र कुशवाहा ने मतदान परिणाम मनमुताबिक न होने पर सड़कों पर खून बहा देने की धमकी दी है। इस संभावित हिंसा का ठीकरा वे नीतीश और केंद्र की मोदी सरकार के सर भी फोड़ा है।