बच्चों के यौन उत्पीड़न मामलों में दो विवादास्पद फैसले सुनाने वाली बॉम्बे हाईकोर्ट की जज पुष्पा गणेदीवाला का कार्यकाल अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर एक साल और बढ़ गया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने उस 19 वर्षीय लड़के को सुनाई जाने वाली दस साल के कठोर कारावास की सजा को रद्द कर दिया है, जिस पर अपनी चचेरी बहन के साथ रेप का आरोप था।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यौन उत्पीड़न मामलों पर उनके विवादास्पद आदेशों को देखते हुए न्यायमूर्ति पुष्पा वीरेंद्र गनेदीवाला को बॉम्बे उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश बनाने की अपनी सिफारिश को वापस ले लिया है।
किसी नाबालिग के ब्रेस्ट को बिना ‘स्किन टू स्किन’ कान्टैक्ट के छूने पर POCSO के तहत अपराध न मानने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।