Sunday, November 17, 2024

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भारतीय अर्थव्यवस्था

RBI ने खोली सम्भावनाएँ: PM मोदी ने बताया उद्योग-कृषि के लिए बेहतरीन अवसर, शाह ने कहा- कोई कसर नहीं छोड़ेंगे

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों को अपने फंड का 50% TLTRO-2 के तहत छोटे और मझोले साइज NBFC में निवेश करना होगा। जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

जब नेगेटिव में होगी विश्व की आर्थिक विकास दर, तब पॉजिटिव में बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था: IMF का विश्लेषण

भारत की बात करें तो इसकी अर्थव्यवस्था की विकास दर 1.9% की रफ़्तार से बढ़ेगी, जो 2019 में 4.2% थी। अगर भारत और चीन की तुलना करें तो चीन 2020 में 1.2% की आर्थिक विकास दर के साथ भारत से पीछे छूट जाएगा। इस दौरान अमेरिका (-5.9%), जर्मनी (-7%), फ़्रांस (-7.2%) और इटली (-9.1%) की हालत पस्त रहेगी।

कैसे लें अपने बैंक से तीन महीनों तक EMI में छूट, किन बातों का रखना है ख्याल, जानिए सब-कुछ

इन तीन महीनों में अगर वो EMI या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें इस अवधि का ब्याज देना होगा। हालाँकि, इस वजह से उनके लोन चुकाने की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ जाएगी। सबसे जरुरी बात यह है कि EMI पर ग्राहकों को सिर्फ तीन माह की मोहलत मिली है, ना की लोन चुकाने से माफी!

कोरोना संकट पर वित्त मंत्रालय ने दी बड़ी राहत: ITR, GST सहित कई घोषणाएँ, दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालने पर नहीं लगेगा...

निर्मला सीतारमण ने लोगों को राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख (2018-19) को बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया है। पहले इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च थी। इसके बाद जमा करने पर 10% जुर्माना था। अब रिटर्न की देरी पर 12% की जगह 9% चार्ज लगेगा। इसके साथ ही आधार-लिंक पैन की आखिरी तारीख को 30 जून 2020 तक किया गया। यह भी पहले 31 मार्च तक थी।

48 बिलियन डॉलर FDI, 19 बिलियन डॉलर का प्राइवेट इक्विटी और वेंचर केपिटल निवेश: नरेंद्र मोदी

कॉर्पोरेट टैक्स की ओर ध्यान दिलाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत उन प्रमुख देशों में शामिल है जहाँ कोर्पोरेट टैक्स सबसे कम है इसी कारण विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है।

72 साल में $2 ट्रिलियन, 5 साल में $3 ट्रिलियन: मोदी के आते सरपट दौड़ी अर्थव्यवस्था

भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लगे। इसके अगले 12 वर्षों में देश के 2 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का गौरव प्राप्त किया। इसके बाद भारत ने अभूतपूर्व छलांग लगाते हुए मात्र 5 वर्षों में 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन कर दुनिया को चौंका दिया।

‘GDP ग्रोथ में गिरावट चिंता की बात नहीं’ – प्रणब मुखर्जी की यह लाइन कॉन्ग्रेसी चमचे और मीडिया गिरोह को तमाचा

"2008 में आर्थिक संकट के दौरान भारतीय बैंकों ने लचीलापन दिखाया था। तब मैं वित्त मंत्री था, सार्वजनिक क्षेत्र के एक भी बैंक ने धन के लिए मुझसे सम्पर्क नहीं किया था। लेकिन अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बड़े पैमाने पर पूंजी की ज़रूरत है और अगर उन्हें यह मुहैया कराई जा रही है तो इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है।"

जानें क्या है ‘RCEP’: PM मोदी ने इसमें शामिल होने से क्यों किया इनकार

भारत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर से पूर्व कुछ शर्तें रखी थीं जिसके बाद इसके लंबित होने की आशंका थी मगर उसे रद्द कर दिया गया।

कारोबार करना पहले से हुआ आसान, केंद्र और राज्यों में बेहतर समन्वय: कुमार मंगलम बिड़ला

बिड़ला ने कहा कि अभी भी बेहतरी की बहुत सी सम्भावनाएँ हैं। हमें याद रखना चाहिए कि भारत में कारोबार का मतलब केंद्र और राज्य दोनों की सरकारों के साथ काम करना होता है। इस मायने में पहले से स्थिति काफी बेहतर हुई है।

आर्थिक गड़बड़ी 2007-08 (मनमोहन-सोनिया की UPA सरकार) के गलत कर्जों से शुरू हुई: रघुराम राजन

"बैंकों के फँसे कर्जों के संकट (एनपीए क्राइसिस) के बीज 2007-08 में पड़ गए थे। तब मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी की कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार सत्ता में थी। इस काल खंड में बहुत सारे खराब कर्ज बाँटे गए, आज इनकी साफ़-सफाई होना विकास के लिए ज़रूरी है।"

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