कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में कॉन्ग्रेस ने अपने ही नेता को डिप्टी स्पीकर बना रखा है विधानसभा में। तमिलनाडु में DMK, झारखंड में JMM, केरल में लेफ्ट और पश्चिम बंगाल में TMC ने भी यही किया है। दिल्ली और पंजाब में AAP भी यही कर रही है। लोकसभा में यही I.N.D.I. गठबंधन वाले 'परंपरा' और 'परिपाटी' की बातें करते नहीं थक रहे।
परीक्षा आयोजित करने में जो खर्च आता है, उसकी वसूली भी पेपर लीक गिरोह से ही की जाएगी। केंद्र सरकार किसी केंद्रीय जाँच एजेंसी को भी ऐसी स्थिति में जाँच सौंप सकती है।
अमित शाह पहले की तरह ही गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री के तौर पर काम संभालेंगे, तो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी नितिन गडकरी को सड़क परिवहन मंत्री बनाया गया है।