रघुराम राजन ने कॉन्ग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से मिले ₹500 करोड़ को सही ठहराया है। कहा है कि चुनाव लड़ने के लिए पैसे चाहिए होते हैं, इसलिए विपक्षी दलों का कालाधन रखना गलत बात नहीं है।
वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। जीडीपी के आँकड़े सामने के बाद से आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन चर्चा में हैं।
एक और बड़ी घोषणा ये की गई है कि राज्य के सभी हिन्दू मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएँ बढ़ाने के लिए एक सलाहकार समिति बनेगी, जो मंदिरों के रख-रखाव से लेकर इससे जुड़े अन्य सलाह देगी।
"बैंकों के फँसे कर्जों के संकट (एनपीए क्राइसिस) के बीज 2007-08 में पड़ गए थे। तब मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी की कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार सत्ता में थी। इस काल खंड में बहुत सारे खराब कर्ज बाँटे गए, आज इनकी साफ़-सफाई होना विकास के लिए ज़रूरी है।"
रघुराम राजन का कहना है कि जन-कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार को कम ख़र्च करना चाहिए। चुनाव से पहले राजन ने 3.6 लाख करोड़ रुपए के बजट वाली कॉन्ग्रेस की 'न्याय योजना' का समर्थन किया था। इसे कारगर भी बताया था।