कारगिल क्षेत्र में अपना धार्मिक स्थल बनाना बौद्ध समुदाय की एक पुरानी माँग रही है। इस बार भी बौधगुरु ने अपने अनुयायियों के साथ ये यात्रा इसी उद्देश्य से शुरू की।
स्वतंत्रता दिवस से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर स्थित घंटाघर तिरंगे से जगमगा रहा है। लद्दाख में यात्रा के लिए पर्यटकों को अब परमिट लेने की कोई ज़रूरत नहीं है।
पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके में डिसइंगेजमेन्ट को अंजाम दिया गया है जिसके बाद चीन अपने सैनिकों को वापस बुलाते हुए पुरानी स्थिति पर लौट गया है और युद्ध की आशंका के दौरान बनाए गए अस्थायी निर्माण को भी नष्ट कर दिया गया है। यह सब भारत के साथ कॉर्प्स कमांडर स्तर की बातचीत के बाद संभव हुआ है।